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बाराबंकी, 10 अक्तूबर। रवीन्द्र नाथ दूबे जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में आज नगर पालिका परिषद सभागार में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता विषयक शिविर का शुभारम्भ दीप प्रजवल्लन कर किया गया।
इस अवसर पर श्रीमती नाजनीन बानो, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाराबंकी, श्रीमती एकता सिंह मुख्य विकास अधिकारी, श्री संजय कुमार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाराबंकी, डॉक्टर अवधेश कुमार यादव मुख्य चिकित्साधिकारी, श्री संजय बाबू डिपटी मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉक्टर पल्लवी सिंह जिला प्रोबेशन अधिकारी, बाराबंकी, डॉक्टर सौरभ मिश्रा मनोचिकित्सक, अहमद अब्बास निगरानी एवं मूल्यांकन अधिकारी, विनोद कुमार पाल मनौवैज्ञानिक, समाजसेवी संस्था के लोग भी उपस्थित रहे।
शिविर में रवीन्द्र नाथ दूबे जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि आजकल के दौर में मानसिक बीमारी बढ़ रही है इससे बचने की आवश्यकता है। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से समय-समय पर ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिये जिससे मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगो को जागरूक किया जा सके। जनपद न्यायाधीश ने बताया कि आज के दौर में लोगो को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत होना पड़ेगा जिससे मानसिक बीमारी की रोकथाम की जा सकें अगर बच्चों को विकास धीमी गति से हो रहा तो परिवार वाले बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के डॉक्टर को तुरन्त दिखायें जिससे समय से उनका उपचार किया जा सकें, यदि समय से उपचार शुरू किया जाये तो बहुत सारी मानसिक बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है।
डॉ0 अवधेश कुमार यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि आदमी को तनावमुक्त रहना चाहिए जिससे आदमी बहुत प्रकार की बीमारी विशेषकर मानसिक रोगो से मुक्त रह सकें। परिवार में आपस में बात-चीत करने से व्यक्ति तनावमुक्त एवं प्रसन्न रहता है जिससे मानसिक रोग होने की सम्भाव CD
ना कम होती है। नींद न आना या देर से नींद आना, चिन्ता, घबराहट, तनाव आदि रहना, काम में मन न लगना व आत्महत्या का विचार करना, भूत-प्रेत, देवी-देवता आदि की छाया का भ्रम होना आदि मानसिक रोगियों के सामान्य लक्षण होते है जिसके बारे में लोगो को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है।
शिविर में जनपद न्यायाधीश श्री रवीन्द्र नाथ दूबे ने मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित बच्चों को फल वितरित किया एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया। इसके अतिरिक्त नुक्कड़ नाटक के माध्यम से शिविर में उपस्थित लोगो में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए गए।