भट्ठा मजदूर की 27 दिसंबर को ट्रेन हादसे में मौत के बाद परिजनों ने दफना दिया था शव

कौशाम्बी चरवा थाना क्षेत्र के काजीपुर गांव के दुखी लाल पुत्र रामदास बिहार प्रांत में भट्ठा में मजदूरी करते थे 27 दिसंबर को बिहार प्रांत से एक्सप्रेस ट्रेन से वह अपने साथी दिनेश कुमार के साथ वापस घर लौट रहे थे रास्ते में दुखी लाल की मौत हो गई है मौत के बाद घर पहुंचे दुखी लाल के शव को परिजनों ने दफना दिया है लेकिन 16 दिन बाद परिजनों को आशंका हुई है कि दुखी लाल की मौत स्वाभाविक मौत नहीं है संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हुई है जिस पर मृतक दुखी लाल की पत्नी चमेली देवी ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर मांग किया है कि उनके पति के शव को कब्र से निकलवा कर उसका पोस्टमार्टम कराया जाए जिससे पति के मौत का कारण स्पष्ट हो सके महिला का कहना है कि वह अत्यंत निर्धन और बेसहारा विधवा महिला है उसके पास आय का कोई स्रोत नहीं है छोटे-छोटे बच्चे हैं ऐसी परिस्थिति में पति के मृत्यु के बाद उसका जीवन यापन करना कठिन है

जिला अधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी चायल मौके पर पहुंचे हैं और उन्होंने कब्र की खुदाई करवाकर शव को बाहर निकाला है और उप जिलाधिकारी मौजूदगी में संदीपन घाट थाना पुलिस ने दुखी लाल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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