पत्नी अपने जीजा के साथ मिलकर की अपने ही पति की हत्या_पीड़ित
फतेहपुर. उत्तर प्रदेश सरकार में मुख्य मंत्री के लाख प्रयासों के प्रयासों के बावजूद भी भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस प्रशासन सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है।जहां एक तरफ अपराधी यूपी के कानून व्यवस्था को दरकिनार करते हुए अपराध करने से पीछे नहीं हट रहे हैं ! तो वहीं पुलिस प्रशासन भी आंख, कान बंद किए बैठा हुआ है।जी हां हम बात कर रहे हैं!
फतेहपुर जनपद की कानून व्यवस्था बिल्कुल से धड़ाम होती हुई नजर आ रही हैं ! जहां फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक का मानना है कि जनपद के अंदर अपराधों में नियंत्रण है! तो वहीं जनपद के गाजीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत अपराधी बेखौफ होकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं! फिर चाहे वह कैसा भी अपराध हो।ज्ञात हो कि हाल ही में खागा कोतवाली क्षेत्र के बलरामदास का पुरवा के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह पुत्र स्व० मान सिंह ने 27 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक को एक तहरीर देते हुए बतायाकि उसके भाई की ससुराल गाजीपुर थाना क्षेत्र के सरकी गांव में है! जहां पीड़ित ने बतायाकि उसके भाई की पत्नी अंजू देवी पति के अपने मायके सरकी में एक षडयंत्र के तहत बुलाया जहां पत्नी अपने जीजा रामसनेही पुत्र स्व० गोला सिंह यादव के साथ उसके भाई महेंद्र कुमार को जहर खिला दिया! और पीड़ित को फोन के जरिए सूचना दिया कि तुम्हारे भाई की अचानक तबियत खराब हो गई है! इसलिए उसे सदर अस्पताल लेकर जा रहे हैं! जहां पीड़ित अपने भाई अनिल कुमार और बिपिन कुमार के साथ अस्पताल पहुंचा और देखा कि ज्यादा हालात खराब होने के कारण उसे कानपुर रेफर कर दिया गया है! जहां पीड़ित ने बतायाकि उसी दौरान उसके भाई ने बतायाकि पत्नी अंजू देवी का अवैध संबंध उसके जीजा रामसनेही के साथ है! जिससे ससुर राजाराम, सास रज्जन देवी,साला लवकुश,जीजा रामसनेही तथा पत्नी अंजू देवी ने एक साथ मिलकर उसे जहर खिला दिए हैं।पीड़ित के मुताबिक कानपुर ले जाते समय उसके भाई की मृत्यु हो गई।जहां उक्त घटना की लिखित तहरीर संबंधित थाने पर दिया !
लेकिन कोई सुनवाई न होने पर पीड़ित पुलिस अधीक्षक की चौखट पर पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई थी !जहां पीड़ित ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के द्वारा क्षेत्राधिकारी को जांच सौंपी गई थी! फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो सकी! जहां पीड़ित ने मीडिया के समक्ष बयान देते हुए बताया कि अगर उसे जल्द न्याय नहीं मिलेगा !तो वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठकर न्याय की गुहार लगाएगा।आखिर सबसे ज्यादा सवालिया प्रश्न यह उठता है कि आखिर अपराधी गाजीपुर थाना क्षेत्र को ही अपराध करने के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र क्यों मानते हैं!गाजीपुर थानाध्यक्ष ऐसे अपराधियों पर लगाम क्यों नहीं लगा पा रहे हैं इसके पीछे क्या है कारण?
इस थाना क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी कई बड़ी घटनाएं हैं जिसका आज तक थानाध्यक्ष नहीं कर सके खुलास ,अगर देखा जाए तो इस थाना क्षेत्र में ऐसे कई सारे प्रश्न तो हैं लेकिन उनका जवाब किसी के पास नहीं है।अब देखने व समझने वाली बात यह होगी कि थाना से लेकर उच्चाधिकारियों तक के दरवाजे खटखटा चुका पीड़ित व्यक्ति को पुलिस अधीक्षक के माध्यम से न्याय मिल पाएगा की नहीं या फिर पीड़ित को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर वास्तव में धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।।