फतेहपुर रबी उत्पादकता गोष्ठी 2022 एवं प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर केनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेन्ट आफ काम रेजीयू तिलहन मेला का प्रेक्षागृह प्रागण / सभागार फतेहपुर में जिलाधिकारी श्रीमती श्रुति ने फीता काटकर एवं दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया गया। उप कृषि निदेशक फतेहपुर ने मुख्य अतिथि स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए जनपद स्तरीय रबी गोष्ठी एवं किसान मेला के आयोजन की रूपरेखा एवं कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं कार्यक्रमों के बारे में किसानों को जानकारी दी गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र थरियांव के वैज्ञानिक डा० जितेन्द्र सिंह द्वारा खेती की नवीनतम तकनीकी जानकारी दी गयी फसल अवशेष प्रबन्धन एवं रबी फसलों में अधिक उत्पादन हेतु विस्तार जानकारी दी गयी। प्रगतिशील किसान रमाकान्त त्रिपाठी द्वारा आधारित प्राकृतिक खेती की विस्तारपूर्वक सफलता की कहानी कृषकों के मध्य साझा की गयी। गौ-आधारित प्राकृतिक खेती किये जाने हेतु कृषकों को प्रेरित किया उप कृषि निदेशक द्वारा कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से कृषकों को जानकारी दी गयी, जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत कृषकों से ई-के.वाई.सी एवं भूलेख अंकन का कार्य जन सुविधा केन्द्र के माध्यम से तत्काल कराये जाने का अनुरोध किया गया, जिससे कृषकों को शीघ्र पी०एम०-किसान योजना का लाभ दिलाये जाने में आवश्यक कार्यवाही की जाये। सोलर पम्प योजना के बारे में बताते हुए अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा 02.03.05,7.5 एवं 10 एच०पी० के सोलर पम्पों पर विभाग द्वारा अनुदान अनुमन्य है, जिसमे 02-75 एचपी तक सोलर पम्प पर 60 प्रतिशत अनुदान एवं 10 एम0पी0 के सोलरपम्प पर 48 प्रतिशत का अनुदान अनुमन्य है। 75 एवं 10 एन०पी० के सोलर पम्प पर कृषक भाई कृषि सम्बन्धी कार्यो के साथ-साथ लघु उद्योग के भी कार्य लिये जा सकते है। लघु उद्योग हेतु मिनी राइस मिल, मिनी दाल मिल एवं मिनी आयल मिल पर कृषि विभाग द्वारा अनुदान अनुमन्य है। इच्छुक कृषक कृषि विभाग की वेबसाइट upagriculture.com पर जाकर ऑनलाइन टोकन बुक कर कृषि यंत्र एवं सोलर पम्प का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। शासन द्वारा जनपद में सोलर पम्प हेतु टाटा पावर इनर्जी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। कृषक उत्पादक संगठन के द्वारा फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना हेतु परियोजना लागत रू0 15.00 लाख पर 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है, जिससे कृषक न्यूनतम दरों पर कृषि यन्त्र प्राप्त कर कृषि कार्य कर सकते है। फसल अवशेष प्रवन्धन एवं अन्य कृषि यन्त्रों पर भी 50 प्रतिशत अनुमन्य अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बीजों की उपलब्धता के बारे में बताया कि वर्तमान समय में सभी बीजों की उन्नतशील प्रजातियों पर 50 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। वर्तमान समय में बीबीडब्लू 187 एवं डी0पी0डब्लू – 222 गेहूँ की उच्च उत्पादकता पाली प्रजातियों का कृषक उपयोग करके अच्छी उत्पादकता प्राप्त कर सकते है। उप कृषि निदेशक द्वारा कृषको को पराली न जलाये जाने हेतु शपथ दिलायी गयी और अपील की गयी कि फसल अवशेषों को खेतों में कदापि न जलाए खेतों में आग लगाने से जमीन का तापमान यह जाता है जिससे लाभदायक सूक्ष्म जीव मर जाते हैं व आवश्यक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। गिट्टी अनुपजाऊ हो जाती है। फसलों के अवशेष से कम्पोस्ट खाद बनाएं तथा मिट्टी में मिलाकर जीयांश कार्बन बढाकर उपजाऊ बनाए उत्पादन बढाए फसल बीमा योजना के अर्न्तगत बताया गया कि वर्तमान समय में फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया गया है की राज में कृषकों को 24 दिसम्बर तक बीमा हेतु अपनी सहमति बैंक को देना अनिवार्य है एवं 28 दिसम्बर तक फसल परिवर्तन की सूचना को भी बैंक को दिया जाना अनिवार्य है। जिलाधिकारी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस किसान के द्वारा दिन या रात में पराली जलायी जाती है तो उसकी जानकारी राटेलाइट के द्वारा शासन को हो जाती है। पराली जलाने की प्रतिदिन समीक्षा शासन स्तर पर की जा रही है कृषकों से पराली न जलाने एवं कृषि क्षेत्र में उन्नतशील प्रजातियों को अपनाने एवं कृषि से सम्बन्धित विभागों को महिला कृषकों को आगे लाते हुए उन्हें खाली बनाये जाने का अनुरोध किया गया। जनपद की जी०आई०टेगिंग में स्थान न होने के कारण जिलाधिकारी ने कृषकों को कृषि या अन्य क्षेत्र प्रभावी को आगे लाने हेतु प्रेरित किया जिससे जनपद का प्रदेश एवं देश में नाम रोशन हो सके, उन्होंने कृषि विभाग एवं अन्य विभागों को रबी अभियान हेतु प्राप्त लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं कृषकों को कृषि क्षेत्र में नवीनीक अपनाते हुए अपनी आय दोगुनी करने हेतु तिलहनी एवं दलहनी फसलों को किये जाने हेतु प्रेरित किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गोष्ठी में जनपद के प्रत्येक विकास खण्ड से कृषकों को आमंत्रित कर प्रतिभाग कराने के निर्देश दिये गये। समस्त विभाग लाइन के छोटे कृषकों को योजना का लाभ दिलाये जाये कृषकों के मध्य अधिक से अधिक जागरूकता जाग्रत करते हुए कृषि हेतु प्रेरित किया जाये और नवीन कृषकों को भी शामिल करते हुए विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाया जाये मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा क्षेत्रीय कार्मिकों को निर्देशित किया गया कि जनपद के लघु कृषकों को भी योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्हें इस क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका अदा करने हेतु प्रेरित किया जाये। श्री राम सिंह, प्रगतिशील कृषक द्वारा फसल बीमा की प्रीमियम को बैंक द्वारा काटे जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि बैंक रवी एवं खरीफ सत्र में कृषक को इस सम्बन्ध में अवगत कराते हुए ही बीमा की प्रीमियम को काटा जाये। मेला मे कृषि उद्यान, मलय रेशम गाथाई, प्रज्ञा ग्रामोत्थान सेवा समिति, फसल बीमा, पंचायतीराज विभाग अन्य विभागों द्वारा अपने विभाग से सम्पति लगाकर कृषकों को नवीनतम जानकारी प्रदान की गयी इसके अतिरिक्त फसल अवधेश जलाने से होने वाले परिणामों से सम्बंधित फसल अवषेश प्रबन्धन के कृषि यंत्रों का प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जायेगा। जनपद शारीरवी गोष्ठी एवं किसान मेला में कृषि विज्ञान केन्द्र थरियांव के वैज्ञानिक डॉ एस0के0 पाण्डेय ने पशुपालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी साथ ही पशु प्रबंधन और देखभाल,दुग्ध अधिक उत्पादन हेतु किसानों को जानकारी दिया। उन्होंने गोवशो में लंपी रोग के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला और उन्होंने कहा कि इसका टीकाकरण निःशुल्क कराया जा रहा है कृषक भाई अपने पशुओं के बचाव के लिये टीकाकरण अवश्य करा लें। कृषि वैज्ञानिक डॉ जगदीश ने रबी फसलों की सुरक्षा सम्बंधित, दलहन, तिलहन, कीटो के रोकथाम के बारे में बताया। डॉ जितेन्द्र सिंह ने उन्होंने कृषक उत्पादक सगठन के बारे में चर्चा की और उत्पादकता और आय की बढ़ाने के बारे में विस्तार से बताया तथा कृषक उत्पादक सगठन के बारे में जानकारी दिया। जिला कृषि अधिकारी,जिला उद्यान अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक थरियांव की प्रभारी डॉ साधना वैश्य सहित कृषि विभाग के अधिकारीगण, विद्युत विभाग के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे उप कृषि निर्देशक द्वारा मेले में उपस्थित अधिकारीगणों एवं कृषकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वीगोष्ठी का समापन किया गया।