अमौली फतेहपुर अमौली क्षेत्र के सठिगवां गांव में बलिदानी विजय कुमार पाण्डेय के बलिदानी स्थल में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन कथा का वाचन करते हुए व्यास रामजी श्याम जी ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। कथा व्यास ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षय पात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। इस मौके पर कथा आयोजक बलिदान के माता सरिता पांडेय पिता कृष्णा कुमार पाण्डेय व प्रेम कुमार करूणा शंकर शैलेन्द्र कुमार अमित पांडेय आदि लोग मौजूद रहे

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