फतेहपुर जिले के हसवा ब्लॉक क्षेत्र के असवां बक्सपुर के ग्राम पंचायत में बने गौशाला में बीडीओ ने निरीक्षण करते हुए पड़ताल किया गया! जिसमें 104 गोवशं मैहजूद रहे! मौके पर गौपालक उमा देवी पशुओं की देखरेख करती नजर आई और पुछंताछ में बताया कि.सभी पशुओं को हरे, भूसा, नमक, चुनी को मिला कर चरही में चारा हर रोज सुबह-शाम दिया जाता है! सचिव जितेन्द्रनाथ ने बताया कि दो टीन शेड बडे़- बडे़ बने हुए हैं और एक लम्बी चरही बनी हुई है! जिसमें सारे पशुओं को चारा खिलाया जा रहा है! समरसेबुल से पानी निकलकर पिलाया जाता है! टीन शेड के अंदर खंडजा लगा है! भूसा भंडार कक्ष .. में लगभग 50 कुंटल रखा है.. और चुनी और नमक रखा हुआ है!पशु चिकित्सा अधिकारी डा.अतुल कुमार ने बताया कि गौशाला में इस समय गंदगी नहीं है और न ही कोई गौवंश बीमार है! और प्रतिदिन गौवंश की देखरेख और उपचार किया जाता है! ग्राम प्रधान.. सुरेश कुमार ने कहा कि प्रशासन से मांग करते है कि गौशाला के बाउंड्री बनाने के लिए और टीन शेड के अंदर बिजली के पखे या बडे कूलर उम्मीद जताई है! जिससे भीषण गर्मी में गौवंश बीमार नहीं होगें! और 3 बीघा पशुचर जमीन पर चरी बुवाई कर दिया गया है! और हरा चारा बिंदकी से मंगाया जाता है..

बीडीओ वीरेन्द्र प्रताप वर्मा ने कहा कि असवा बक्सपुर गौशाला में गौवंश की देखरेख करने के लिए तीन कर्मचारी तैनात किया गया है!क्रमश कमलेश, उमा देवी ये दोनों लोग सुबह शाम हरा चारा और पानी पिलाने की जिम्मेदारी दी गई है! गौशाला में खास बात है कि बडे़ साड छोटे गौवंश पर हमला करके घायल कर देते! और गौशाला में गौपालक पर भी कभी कभी हमला कर देते!इसके अलावा थारियाव गौशाला 265 , सातों जोगा गौशाला 176 , तीसरा गौशाला में तैनात कर्मचारी तीरर्थ की इतनी जिम्मेदारी है कि गौशाला में गौवंश बीमारी के मौत जाती है तो पोस्टमार्टम करने के बाद गौवंश दफनाने का कार्य करते हैं! और एक पशुचिकित्सक कक्ष का निर्माण कार्य प्रगति में चल रहे हैं!

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