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होशियारपुर से आये भाई नवप्रीत सिंह व साथियो ने कीर्तन जस-गायन कर संगत को गुरु चरणो के साथ जोड़ा
संविधान रक्षक जिला संवाददाता उमेश तिवारी बाराबंकी
बाराबंकी। लाजपत नगर स्थित गुरुद्धारा श्री गुरु सिंह सभा में सिक्खों के दसवें गुरु, साहिबें कमाल, सरवंश दानी श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज का प्रकाशोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया। कीर्तन जस-गायन के साथ लंगर का भी आयोजन किया गया। प्रकाशोत्सव पर विशेष रुप से होशियारपुर से आये भाई नवप्रीत सिंह व साथियो द्वारा शब्द कीर्तन ‘वाहो-वाहो गोबिन्द ंिसह जी, आपे गुरु चेला’ के साथ कीर्तन की शुरुआत की गई। इसके अतिरिक्त ‘राजन के राजा, महाराजन के महाराजा, ऐसे राज छोडऊ, दूजा कोन तियाईये’, ‘जिन प्रेम किओ तिन ही प्रभ पायों, साच कहूं सुन लेहो सबें’, ‘दे शिवा पर मोहे है, शुभ करमन से कबहूं न डरों’ शब्द कीर्तन कर साध-संगत को गुरु चरणो के साथ जोड़ा। हजूरी रागी जत्था ज्ञानी तीरथ सिंह व साथियो द्वारा ‘गोबिन्द की ऐसी कार कमायें-2, जो कुछ करे सो सच कर मानों, गुरमुख नाम लवों लिव लाये’ के साथ कीर्तन कर संगत को गुरु चरणो के साथ जोड़ा। इसके साथ ही स्थानीय बच्चियो द्वारा भी शब्द कीर्तन किया गया। प्रकाशोत्सव पर्व पर जनप्रतिनिधियो ने गुरुद्धारा परिसर में पहंुच कर आर्शीवाद प्राप्त किया। समाप्ति उपरान्त गुरु का अटूट लंगर वितरित हुआ। रात्रि विशेष दीवान में भाई नवप्रीत सिंह व साथियो द्वारा रात 7 बजे 9ः30 बजें तक गुरु महाराज की जीवन का बखान कर साध-संगत को गुरु चरणो के साथ जोड़ा।
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