बस्ती।जनपद बस्ती मे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारीयो की खबरे प्रकाशित किया जारहा है लेकिन जिले के जिम्मेदार आला अधिकारियों को फर्क ही नही पड़ रहा है,जबकि जिले के जिम्मेदार आला अधिकारियों कि कमान इसलिये सौपी गयी है कि जनहित समस्याओं के निवारण करे और भ्रष्टाचार जैसी-चरम बीमारी पर रोक लगायी जाये, ऐसे ही तथ्यो को लेकर खबरे प्रकाशित हो रही है और लोग विरोध कर रहे है,जनता आक्रोशित हो रही है लेकिन डी.सी मनरेगा और सी.डी.ओ.साहब तो अपनी पद कि गरिमा बनाये हुये आफिस मे बैठकर विकास का पन्ना पलट पलट कर देखते रहते है और फिर फर्ज़ी कामो को लेकर भुगतान करवाते रहते है,जिससे सम्बन्धित को फायदा भी होता रहता हैं,और मजदूरो को न तो मजदूरी देनी पड़ती हैं न तो मजदूरी करने के लिए मजदूरो की ढुढना पढता है और न ही मजदूरो की आवश्यकता पडती है,
जनपद बस्ती मे विकास के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार ही किया जा रहा हैं, जिससे सरकार कि सरकारी योजनाऐ धराशाही हो रही है और भ्रष्टचारी के राजनितिक सहभागिता से लाखो करोडो़ का घोटाला जनपद के जिम्मेदारो द्वारा करवाया जा रहा है,जहा तक सूत्रो कि बात करे तो लोगो और आम जनता ही जिम्मेदार को नाम नही ले रही है,और सारे भ्रष्टाचार की जड़ सिर्फ व सिर्फ सरकार को दोषी मानकर भाजपा सरकार के बता रही है,जबकि सरकार का काम है कि नियमों के अनुसार जिला-स्तर पर सिर्फ बजट मुहैया करवाना है और जिम्मेदारो का काम होता है कि सरकार दिये हुये बजट का पैसा विकास के कार्यो मे लगाया जाये-परन्तू जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारिओं को लुट खसोट,कमिशन और भ्रष्टाचार मे लगा दे रहे है,और फर्जी काम को कागजों मे दिखाकर सरकार के सरकार धन का बन्दर बाट कर ले रहे हैं, जबकि जिम्मेदारों कि जिम्मेदारी इसलिए दिया गया हैं कि, सभी सरकार के सरकारी योजनाओ को सुचारु रूप से चलाये जाये, एंव अनिमित्तता और भ्रष्टाचार जैसे बीमारी पर रोक लगायी जाये,परन्तू जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टचार पर रोक लगाने कि जगह और भ्रष्टचार करवाया जा रहा हैं,और जनपद मे काम कम भ्रष्टाचार और कमिशन का मार्ग सर्वोच्च प्राथमिकता पर है,और जिम्मेदार अपने जिम्मेदारी से भ्रष्ट भ्रष्टाचारियों का सहयोग कर रहे है,जिससे विकास का मार्ग दूषित हो गया है,और सरकार की सभी योजनाऐ धीरे-धीरे धराशाही हो रही है,