संविधान रक्षक जिला संवाददाता उमेश तिवारी बाराबंकी।
रामनगर बाराबंकी
लोधेश्वर महादेवा के प्रसिद्व शिवधाम मे संस्कृत महाविद्यालय के निवर्तमान प्राचार्य के ऊपर ग्रामीणो की ओर से लगाये गये आरोपों के तहत हुये फर्जीवाड़े की जिलाधिकारी की ओर से गठित हुई कमेटी की जांच पड़ताल अपने अंजाम तक पहुंच जाती तो आज योगी सरकार की ओर से कारिडोर निर्माण को लेकर चल तैयारियो के मध्य भूत भावन भोलेशंकर लोधेश्वर की अमानत में लूट करने के वालो के इरादे बहुत पहले ही धूल धूसरित हो जाते।एक तरफ शिकायत कर्ता अपनी शिकायत पर गठित हुई जांच कमेटी की आख्या की राह ताक रहे हैं तो दूसरी तरफ जिम्मेदार लोगों की साठ गाठ से विद्यालय के जांच पड़ताल की बात छोड़िये भूत भावन भोलेनाथ लोधेश्वर महादेव के दो प्लाटों और भवन की बिक्री हो गयी।मालूम हो कि लोधेश्वर महादेवा के प्रसिद्व शिवधाम को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित कर चहुंमुखी विकास कार्यो को अंजाम तक पहुंचाये जाने के मामले में अब कारिडोर निर्माण को लेकर योगी सरकार निरन्तर प्रयासरत हैं।लेकिन संस्कृत महाविद्यालय में हुये घोर अनियमितताओं को लेकर जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार से ग्रामीण जयनरायन ,राकेश कुमार, सतीश कुमार ,आदि ने शिकायत कर गंभीर आरोप लगाये थे।जिसकी जांच हेतु अपर जिलाधिकारी न्यायिक इन्द्रसेन के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक और डायट के प्राचार्य सदस्य के रुप में जांच कमेटी में शामिल थे।विभागीय जानकार और शिकायत कर्ताओं के मुताविक प्रथम दृष्टया शुरुआती जांच पड़ताल में ही विद्यालय की प्रबन्ध कमेटी अवैद्य होने को बल मिल रहा था।प्रारम्भिक जांच पड़ताल समाचार पत्रों की सुर्खियों में शामिल रहा।यह कि लोधेश्वर महादेवा मठ के महन्त की मृत्यु के बाद नियमानुसार कमेटी के प्रबन्धतन्त्र का उत्तर दायित्व जिलाधिकारी महोदय को मिलना था।अब हरफन मौला पूर्व प्रधानाचार्य ने नयी प्रबन्ध समिति का गठन कर लिया।जिसमें तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की भूमिका भी संदेह के घेरे में बतायी जा रही थी।अब माह जनवरी २०२४ में गठित कमेटी की जांच आख्या अगस्त माह तक अंजाम में आ जाती तो योगी सरकार की ओर से लोधेश्वर महादेवा के प्रसिद्व शिवधाम में कारिडोर निर्माण को लेकर माने जा रहे रहे अति उत्तम कार्य में भोलेशंकर की अमानत में ख़यानत का मामला साकार रुप नहीं ले पाता।यहां पर हद तो तब हो गयी जब करोड़ों रुपये के दो भूमि नम्बर और भवन को कारिडोर के पक्ष में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बैनामा कर धन हड़पने के प्रयास को अंजाम तक पहुंचा दिया गया।खैर कोई बात नहीं उच्च न्यायालय की ओर से मठ की देख रेख के लिये नियुक्त रिसीवर ने खुलेआम की जा रही लूट का मामला न्यायालय के आदेश पर पंजीकृत कराने में सफल हो गये।लेकिन क्षेत्रीय शिवभक्तों में सवाल तो इस बात का कि यदि ग्रामीणो की ओर से हुई शिकायत पर जिलाधिकारी महोदय के द्वारा गठित हुई जांच कमेटी अपनी जांच पूर्ण कर आवश्यक कार्यवाही करती तो भूत भावन भोले शंकर की सम्पत्ति की लूट का मंसूबा परवान पर चढ़ नहीं पाता।शिकायत कर्ताओं का एक स्वर से कहना है कि हम लोग अब जन सूचना अधिकार कानून के तहत प्रार्थना पत्र पर हुई जांच एंव कार्यवाही की आख्या मांगेंगे।काश गठित हुई जांच कमेटी अपने अंजाम तक पहुंच जाती तो भूत भावन भोलेनाथ की अमानत में ख़यानत का मामला परवान तक पहुंचने से पहले ही दफन हो जाता।