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बस्ती/जनपद बस्ती मे चलाये जा रहे अति महत्वपूर्ण महत्वाकांशी महात्मा गाँधी मनरेगा योजना से, सरकार का प्रावधान है। कि मजदूरो को गांव मे रोजगार देकर महात्मा गाँधी मनरेगा के तहत गरीब मजदूरो को लाभ पहुचाया जाये। परन्तु सूबे के मुखिया योगी महाराज के राज्य में कुछ ग्राम प्रधान ,सचिव और रोजगार सेवकों के मिलीभगत से फर्जी मास्टर रोल जारी करके फर्जी हाजिरी लगाकर दम खम के बल पर लाखो करोडो़ का धन निकाला जा रहा हैं,और अतिमहत्त्वपूर्ण महात्मा गॉधी -मनरेगा योजना कि धज्जिया उडाया जा रहा है,और भ्रष्टाचार कि नीव पर लाखो करोड़ो रूपये गबन किया जा रहा है
महत्वपूर्ण महत्वाकांशी महात्मा गाँधी मनरेगा अधिनियम कि तहत जहाँ गरीब मजदूरो को गांव मे ही रोजगार मुहैया करवाने का प्रकरण लागू किया गया है वही दूसरी तरफ गैर जिम्मेदार लोग सरकार के मन्साओ पर पानी फेर रहे है और मनरेगा योजना मे जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैऔर खुद को ही लाभवन्तित करवा रहे है
•विकास-खण्ड गौर के कुछ मेट, रोजगार सेवक एंव ग्राम प्रधान मनमानी तरीके से फर्जी हाजिरी लगा रहे और -मनरेगा योजना मे भ्रष्टाचार कर रहे है,और गरीब मजदूरो का हक मार सरकारी धन का दुरपयोग कर रहे हैं।और -मनरेगा योजनओं मे फर्जी हाजिरी के माध्यम से लाखो करोड़ो रूपये का सरकारी धन लुटने एंव हड़पने का काम कर रहे हैं, जबकि क्षेत्रों में प्रधान और रोजगार सेवकों द्वारा जारी मास्टरोल मे ऐसे लोग का नाम भी अंकित किया जा रहा है जिसको ही नही पता है कि साईड कहा है कितनी हाजिरी,उसके नाम से लगायी गयी हैे, ऐसा ही कुछ मामला विकास खण्ड गौर के डमरूआ जंगल से सामने आया है जहा कोई मजदूर काम नही कर रहा है न कोई काम हो रहा है। न तो कोई मजदूर काम करते हुये एवं टहलते भी नही पाया गया है परन्तु मास्टरोल प्रतिदिन का कागजी कार्यवाही मे चलाया जा रहा है और 118-120,135,लोगो का मास्टर रोल प्रतिदिन जारी किया जा रहा है ,जब इसकी जानकारी लेने के लिये रोजगार सेवक विनोद कुमार से बात किया गया और पूछा गया कि मजदूर कहा है तो चौकते हुये अन्दाज मे पहले गुमराह करने का प्रयास किया गया और टाल मटोल करते हुये छठ्ठ पुजा कि वजह बताने लगे और कहने लगे कि छट्ठ पुजा को लेकर कोई मजदूर उपस्थित नही है जिससे काम बन्द कर दिया गया हैं। और बडी हैरानी की बात यह है कि सरकार के मुहिम अधिकारी ग्राम सचिव से जब पूछा गया तो पल्ला झाडते हुये कहने लगे कि रोजगार सेवक से पूछो और प्रधान से, मुझे मालूम ही नही है यह कहकर काल डिस्कनेक्ट कर दिये,उसके बाद जब विकास खण्ड अधिकारी से के.के सिंह को संज्ञानित कराते हुये पूछा गया तो सीधे एक ही शब्दो मे जबाब ढुढते हुये कहा गया कि दिखवा लिया जायेगा।
जबकि सच्चाई यह है कि वी.डी.ओ गौर के.के.सिंह दिखवा लेने का अश्वासन तो देते है परन्तु सिर्फ अश्वासन देकर मीडिया को गुमराह करने का काम करते हैं, दिखवा लिया जायेगा शब्दो का इस्तेमाल करके, सिर्फ गुमराह करते रहते है और कार्यवाही करने मे हिल्ला हवाली करते रहते है।
फर्जी मास्टरोल कि हाजिरी साहब दिन डुबने के बाद ही सांझा करवाते है जब इस विषय पर भी बी.डी.ओ गौर से सवालो मे पूछा गया तो अपने जिम्मेदारिओं से नकारते हुये भागते फिरते हुये नजर आये है
देश की सबसे बड़े रोजगार (ऐक्ट)योजना महात्मा गाँधी मनरेगा योजना अब पूरी तरीके से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुकी हैं और भ्रष्टाचारी इस योजना मे सेंधमारी करके पलीता लगा चुके हैं। इस योजना का मकसद था ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले गरीब परिवार को रोजगार मिल सके, ताकि वह बाहरी प्रदेशों मे न जाये। मगर मनरेगा के जिम्मेदारो ने इस कदर लुट मचाई है कि सरकार कि मन्साऐ धराशाई हो गयी। जनपद मे खास तौर पर इस योजना ने भ्रष्टाचार कि रिकार्ड तोड़ दी है। जबकि एक तरफ सरकार का कहना है कि सबका साथ सबका विकास, लेकिन विकास तो सिर्फ कागजों मे सिमट के रह जा रही है।क्या सरकार ही सरकारी धन को लुटाने की तैयारी करवा रही है।या फिर उच्चाधिकारीयो एंव कर्मचारियों को लखपति करोडपति बनाने कि स्कीम चलवायी जा रही हैे, जो इतने खबरे प्रकाशित होने के बाद भी उच्चस्तरीयेअधिकारीयों के कान तक जू नही रेंगा। आखिर क्या कारण है कि अति महत्वपूर्ण महत्वाकांशी महात्मा गाँधी मनरेगा अधिनियम कि सौगात गरीब मजदूरो के पहुच तक, नही पहुच पा रहा है और जरूरतमंदों को इस महत्वाकांशी महत्वपूर्ण महात्मा गाँधी मनरेगा योजना का लाभ नही मिल पा रहा है।
सबसे हैरानी और परेशानी कि बात यह है कि हजारो शिकायत और खबरे प्रकाशित होने के बाद भी योगी महाराज के राज्य मे भ्रष्टाचार कि चौखट,-मनरेगा योजना पार कर चूकी हैं-और सरकार कि मन्साऐ धराशाई हो चुकी है।और कमिशन के दम खम के बल पर फर्जी हाजिरी का मास्टरोल जारी किया जा रहा है। और जिम्मेदारो द्वारा ही सरकारी धन को लुटने एंव लुटाने का काम किया जा रहा है। आखिर क्या कारण हो सकता हैं, इतने खबरे प्रकाशित होने के बाद भी जिम्मेदारो द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया,और प्रकाशित खबरो को संज्ञान मे नही लिया गया
क्या सरकार का दायित्व नही है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाये और प्रकाशित खबरो को संज्ञान मे लेकर भ्रष्टाचारीयो के उपर सम्वैधानिक कार्यवाही करे।
जहाँ भ्रष्टाचारो को उजागर करना ही पत्रकारो का दायित्व है तो वहां सरकार और उच्च अधिकारी का भी दायित्व है कि प्रकाशित खबरो को संज्ञानित करे,एंव जाँच कर सम्वैधानिक विधिक कार्यवाही भी करे।