अजय सिंह
लखनऊ -मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ज़ीरो टालरेंन्स नीति को लखनऊ सचिवालय में बैठें राजस्व बोर्ड में बैठें एक समीक्षा अधिकारी ने जमकर धज्जियां उडा दी है। यह मामला अनुभाग तीन का बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक “जब तक दाम नहीं तब तक काम नहीं”के तहत फाईलों को रोक रखा है। आज के कम्प्यूटर के समय में आनलाइन होनें में एक क्लिक में आल इंडिया में कहीं भी कुछ आदान प्रदान किया और देखा जा सकता है तो आखिर ११माह बाद भी फाईल आफिस में क्यों धूल चाट रही है।क्या दीमक की तरह आफिस में बैठें समीक्षा अधिकारी खोखला करनें में लगा हुआ है ?
आपकों बतातें चलें की शासन स्तर से तहसीलदार से उपजिलाधिकारी के प्रमोशन की फाईल राजस्व बोर्ड से शासन को भेजना था लेकिन आजतक नहीं गई,बार बार बहाना सिर्फ गुलाबी बापू की रिश्वतखोरी का इन्तजार किया जा रहा है।जो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ज़ीरो टालरेंन्श की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है आखिर क्यों फाईल को आगें क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है। लगभग एक वर्ष पूरा होंने को आ रहा है।इसके बाद भी आखिर अब किसके इन्तजार के लिए फाईल रोक रखी गईं हैं।

आपको बतातें चलें कि इसके पहलें भी शासन के निर्देश राजस्व बोर्ड का एक बाबू विवेकानंद डोबारियाल पर एफ आई आर हुई थी, अब फिर एक राजस्व विभाग का एक बाबू एक घूसखोर बाबू उसी की तर्ज पर फाईलों को रोककर वसूली/भ्रष्टाचार कर रहा है। शासन को फिर से राजस्व बोर्ड के क्रिया कलापों पर ध्यान देना चाहिए नही तो राजस्व बोर्ड को चारागाह बना दिया जायेगा,शासन इस बाबू से पूछ सकता है कि इस फाईल को 11माह से रोकनें का कारण क्या हो सकता है।

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