संविधान रक्षक जिला संवाददाता उमेश तिवारी

सरकार प्राथमिकता के तौर पर सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील की व्यवस्था कराती है। जिससे कि विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राओं को समुचित आहार मिल सके। लेकिन बाराबंकी में सरकार की मंशा को दरकिनार करते हुए प्रधान की मनमानी कहें या प्रधान और प्रधानाध्यापिका के बीच मतभेद के चलते कई दिनों से विद्यालय में भोजन ही नहीं बना। इसके बाद आज काफी संख्या में ग्रामीण विद्यालय के बाहर एकत्रित हो गए और नाराजगी दिखाई।
दरअसल यह पूरा मामला रामसनेहीघाट तहसील के बनी कोडर ब्लॉक के ग्राम पंचायत भवनियापुर खेवली का है। जहां पर ग्रामीणों का आरोप है कि भवनियापुर नवीन प्राथमिक विद्यालय में पिछले शनिवार से मिड डे मील का नहीं बना है। जिससे छात्र छात्राओं को भूखा ही रहना पड़ता है।प्रधानाध्यापिका कीर्ति कश्यप का आरोप है की ग्राम प्रधान उदय राज के पास जब फोन करो कोई जानकारी देने, लेने के लिए हो तो फोन नही रिसीव करते हैं और यही मनमानी के चलते चेक पर साइन नहीं हुई जिसके कारण समान न होने के कारण भोजन नहीं बन रहा है। जिसकी शिकायत उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की है।
वहीं दूसरी ओर बच्चों से इस बारे में बात की गई तो बच्चों ने भी कई दिन से विद्यालय में खाना न बनने की बात स्वीकार की है।
वही रसोइयों ने बताया कि प्रधान द्वारा चेक पर साइन न किए जाने से विद्यालय में खाना बनाने का सारा सामान समाप्त हो गया इसकी सूचना उन्होंने प्रधानाध्यापक को दी और उन्होंने प्रधान को दी लेकिन प्रधान नहीं ने कोई ध्यान नहीं दिया और विद्यालय में खाना नहीं बना।
ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक की गलती नहीं बल्कि प्रधान की कमीशन खोरी के चलते बच्चों के भविष्य और भोजन के साथ खिलवाड़ हो रहा है फिलहाल इस मामले पर प्रधान ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
वही जब इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी संजय राय से बात की गई उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में है। कुछ दिनों पहले प्रधानाध्यापिका द्वारा उन्हें एक एप्लीकेशन दी गई थी। जिसमें प्रधान पर चेक पर साइन न करने और भोजन न बनने की बात कही गई है। जिसको बीडीओ बनीकोडर के संज्ञान में लाया गया है। जल्द ही इस मामले में निस्तारण किया जाएगा और फिर से भोजन बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
फिलहाल मामला जो भी हो प्रधान की कमीशन खोरी या अन्य लेकिन एक बात तो साफ है की कमीशन खोरी के चलते कहीं ना कहीं ना बच्चो के निवालों पर डाका डाला जा रहा है। अब इसमें जिम्मेदार प्रधान हो या प्रधानाध्यापिका पूरा मामला जांच का विषय है। और कहीं ना कहीं सरकार की मनसा पर प्रधान और संबंधित जिम्मेदार लोग पलीता भी लगा रहे हैं।
बाइट स्कूली छात्र
बाइट रसोइया
बाइट ग्रामीण
बाइट संजय राय खंड शिक्षा अधिकारी

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