बस्ती। सीडव्लूसी के चेयर पर्शन प्रेरक मिश्रा ने थाना स्तर पर नियुक्त बाल कल्याण अधिकारियों के कार्य से नाराजगी जताई है, इस बावत पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि थाना बाल कल्याण अधिकारियों का कार्य संतोष जनक नही है, बाल कल्याण अधिकारियों को अनिवार्य प्रशिक्षण कराया जाय।जिससे बालक और बालिकाओं के सर्वोत्तम हित में कार्य करने में सुगमता हो।
गौरतलब है कि नाबालिग बालक और बालिकाओं के मामले में बाल अधिनियम के सापेक्ष कार्यवाही करने के लिये थाना स्तर पर बाल कल्याण अधिकारी की नियुक्ति की जाती है, जो बाल कल्याण अधिकारी होते है वह उसी थाने पर तैनात उप निरीक्षक होते हैं, इनके साथ ही एक महिला आरक्षी और एक पुरुष आरक्षी को भी इस तरह के कार्य के निष्पादन के लिये लगाया जाता है, यह टीम थाना स्तर पर बच्चों से सम्बंधित होने वाली घटनाओं के बिधिक प्रक्रिया के प्रति जवाबदेह होती है। न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अघ्यक्ष ने पत्र के जरिये कहा है कि कई थानों के बाल कल्याण अधिकारी कार्य की जानकारी ही नही रखते, कई थानों में नाबालिग बालिकाओं को थाना परिसर में ही रात्रि निवास करा दिया जाता है,बच्चों को न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत करते समय आवश्यक प्रपत्र भी प्रस्तुत नही किये जाते हैं, जिससे मामले के निस्तारण में विलम्ब होता है, कुछ थानो के द्वारा बच्चों को बरामद करके थाना स्तर पर ही सुपुर्दगी कर दी जा रही है,न्याय पीठ के अध्यक्ष ने इन विन्दुओं पर पुलिस अधीक्षक का ध्यान आकर्षित करते हुए थाना प्रभारी और बाल कल्याण अधिकारी का प्रशिक्षण कराने की बात कही है। इस सम्बंध में न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने कहा कि बाल कल्याण समिति बाल हित के प्रति समर्पित है,बच्चों का सर्वोच्च हित ही हमारी प्राथमिकता है,समय समय पर संबंधित अधिकारियों से पत्राचार किया जाता है।