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अधिशाषी अभियन्ता द्वितीय के खाऊ कमाऊ पूत सपूत कि नीति से फल फूल रहा है धन्धा

बस्ती। जनपद बस्ती के बस्ती खण्ड द्वितीय के अधिशासी अभियन्ता के नाक के नीचे ही सहायक अभियन्ता अरविंद कुमार यादव के अगुवाई मे गौर पावर हाउस के अवर अभियंता अमित कुमार द्वारा पुराने रीति रिवाज को पुनः लागू करते हुये कुछ लाइनमैन कहने के अनुसार एंव अवैध वसूली के चक्कर मे उपभोक्ताओं को किया जा रहा है प्रत्याणित।
सूत्रो से मिली जानकारी अनुसार लाईनमैन को अवर अभियंता गौर देते है जिम्मा और करवाते है अवैध वसूली जहा लाइनमैन इर्ष्या और दुश्मनी निकालने के लिये उपभोक्ताओ को करते है प्रत्याणित। उपभोक्ताओ के बिलो मे आयी बाढ से अचानक रुपये बढ गये है और सहायक अभियन्ता मद मस्त धन्धा करने मे कन्धा मिलाये अवर अभियंता से बैठे हुये हैं।
विगत एक बर्ष वीतने वाले है लेकिन सहायक अभियन्ता गौर का रिकार्ड लेबल घटा नही जिसमे फिरोती मिली है उसी उपभोक्ताओं बिल संसोधन किया गया है और धन्धा के लिये कन्धा मिलाये सहायक अभियन्ता पर मेहरबान खाऊ कमाऊ पूत सपूत के नीति अपनाये अधिशासी अभियन्ता द्वितीय मेहरबानी का ओढ रखे है चादर। अवरअभियंता अमित कुमार द्वारा गौर का कमान सम्भाले अभी कुछ ही दिन हुआ है लेकिन लाइनमैन को धन्धे का जिम्मा देते हुए कन्धा मिलाये हुये है और क्या मजाल है कि किसी उपभोक्ता कि जो बिना फिरोती के आवेदक अपने झटपट आवेदन पर रिपोर्ट लगवा ले महोदय धन्धा मे इतने मदमस्त है कि इनको अपना दिमाग इस्तेमाल नही करना है जो लाइनमैन गार्डलाइन देगा बस उसी पर काम करना है और उसी के बताये गये तथ्यो पर रिपोर्ट आख्या संग्लन कर रहे है और धन्धा करने के लिये उपभोक्ताओं प्रत्याणित कर रहे हैं। एंव आवेदन मे खामिया निकालकर रिजेक्ट कर रहे है जब खामियो को लेकर अवर अभियंता से बात किया गया तो श्री अमित कुमार द्वारा मना करते हुये कहा गया। तो कौन मांगा है पोपार्टी डिटियल मेरी जानकारी नही है , जबकि सूचना के अनुसार आवेदकों के झटपट आवेदन पर 872 रु. मी. चार्ज 1800रु.केबल चार्ज और तमाम चार्ज जोड कर विभागीय नितियों का दुश्रप्रयोग कर उपभोक्ताओं को एक तरफ परेशान किया जा रहा है और दूसरी तरफ 50% से अधिक उपभोक्ताओं का केबल नही उपलब्ध कराया गया है और खाऊ कमाऊ पूत के नीति अपनाकर अधिषासी अभियंता द्वितीय के मिलीभगत से केबल व्लैक करके बेच कर धन्धा किया गया है और किया जा रहा है विभागीय अधिकारी कि रीति नही थम रही भ्रष्ट भ्रष्टाचारियों कि नीव
जबकि अभी कुछ ही दिन हुये है गौर कि कमान सम्भाल रहे अवर अभियंता वेदप्रकाश मिश्रा को एन्टीकर्पोशन कि टीम ने बीस हजार के घुस लेते हुये रंगे हाथ पकड लिया और सम्वैधानिक कार्यवाही करते हुये मुकादमा पंजीकृत कर जेल दिया गया था लेकिन कुछ समय बीतने के बाद ही गौर कि कमान सम्भाल रहे वर्तमान समय के अवर अभियंता द्वारा पुनः उसी रिवाज तहत देखे जा रहे है और पैसे कि भूख मिटाने के लिये उपभोक्ताओ से अवैध वसूली का सिल सिला चालू है

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