बस्ती। सरकार का सपना था कि हर परिवार का अपना हो और गरीब, असहाय जरूरतमंदों के लिय सरकार पीएम आवास योजना लाई गई। जिसके तहत हर परिवार को अपना छत मिल सके। बस्ती से एक ऐसा मामला सामने आया जहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ तो मिला। लेकिन घर से बेदखल कर दिया गया।
आप को बता दे प्रधानमंत्री आवास से बाहर निकाले जाने की शिकायत लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा फरियादी परिवार के साथ डीएम ऑफिस पहुंचा। ज्ञापन देकर उसने चेतावनी दी है कि यदि दोषी पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह परिवार के साथ सीएम ऑफिस के सामने आत्मदाह करेगा। उसका कहना है कि अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते वह थक गया, मजबूरन उसे ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है।
पीड़ित संदीप कुमार ने बताया कि वह नगर थाना क्षेत्र के रजली गांव का रहने वाला है, उसे प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास मिला था, जिसका निर्माण करा कर वह परिवार के साथ रह रहा था। इसके बाद उसके भाई ने पुराना मकान दिखाकर पुलिस से मिलकर फर्जी रिपोर्ट लगवा दी। उसने बताया कि उसका सब समान बेड, चारपाई, आलमारी, सिलाई मशीन, बक्सा, कुर्सी, किराना दुकान का सामान आदि उसी मकान में रखा हुआ है। आरोप लगाते हुए बताया कि मकान से उसके भाई ने उसे परिवार सहित भगा दिया है, इतना ही नहीं मारा-पीटा भी है।
दर्द भटकने को मजबूर पीड़ित

डीएम को दिए प्रार्थना पत्र में पीड़ित ने कहा कि उसके पास प्रधानमंत्री आवास के अलावा दूसरा कोई मकान नहीं है, वह कहां पर रहेगा, स्थानीय पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। थानाध्यक्ष कह रहे हैं जो तुमको आवास दिए हैं जाओं उन्हीं से मिलो, खंड विकास अधिकारी कह रहे हैं, यह पुलिस का काम है, आखिर में अब मैं कहां जाऊं।

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