फतेहपुर / शहर के डॉ.भीमराव आंबेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय फतेहपुर के जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित पोस्ट कोविड-19 चैलेंजेज़ एण्ड अपार्च्युनिटी विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न हुआ। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह राष्ट्रीय सेमिनार के द्वितीय दिवस काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.बालकेश्वर प्रजापति के उद्घाटन से आरंभ हुआ। इस अवसर पर विचार प्रकट करते हुए प्रोफेसर प्रजापति ने कहा कि मौजूदा महामारी ने पूरी दुनिया को और उसकी तमाम व्यवस्थाओं को बदल कर रख दिया है। समाज के आचार-विचार, सामाजिक परंपराएं, मांगलिक कार्यक्रम, शिक्षण विधियाँ सब तेजी से परिवर्तित हो रही हैं !और यह समय की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.अपर्णा मिश्रा ने कहा कि भारतवर्ष समूचे 30.03.2022 को संयम, संकल्प, धैर्य, अनुशासन, मर्यादा और संघर्ष शक्ति की सीख दे सकता है! , परंतु इसके लिए हमें सकारात्मक प्रतिमान गढ़ने होंगे। उन्होंने कहा कि सूझबूझ, धीरज और कभी न हारने की अदम्य इच्छाशक्ति बड़े से बड़े संकट का दलन कर देती है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.हरिवंश सिंह ने इस महामारी के दौर में श्रमिकों की समस्या को संवेदना के आधार पर प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह देशभर में लाखों की संख्या में मजदूर, श्रमिक सड़क मार्ग और रेल पथ से पैदल चल पड़े! , रास्ते में हताहत हुए, भूख से विकल हुए, उन्होंने इन तमाम पहलुओं को अपने व्याख्यान में समाहित किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ही विधि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ..रोशन लाल ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध भारत पूरी दृढ़ता के साथ खड़ा है। यही धीरज और अनुशासन हमें पूरी दुनिया से अलग करता है-130 करोड़ की जनसंख्या का देश इस महामारी में जितने आत्मबल से संघर्ष कर रहा है, वह बेमिसाल है। कुलभाष्कर आश्रम पीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.श्रीप्रकाश तिवारी ने राजकीय पक्षी सारस के विषय में व्याख्यान देते हुए पोस्ट कोविड पर्यावरण की संभावित दशा का वर्णन किया। राजकीय महाविद्यालय सैदाबाद के जंतु विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.ए.के.वर्मा ने कोरोना की पृष्ठभूमि और उसके प्रभावों की सघन पड़ताल करते हुए कहा कि आशा, उत्साह, निर्भयता अत्यंत आवश्यक है, पर असावधान होना ठीक नहीं। विभागाध्यक्ष डॉ.गिरजेश शुक्ल ने कहा कि इस मौके पर मानवीय संवेदना के आधार पर हमें लोगों की मदद करनी चाहिए। संयोजक डॉ. अजय कुमार ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में जुड़े हुए सभी आमंत्रित अतिथियों-प्रतिभागियों, शोधार्थियों का स्वागत किया एवं दो दिवसीय सेमिनार की आख्या प्रस्तुत की। ऑर्ग्नाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राज कुमार ने मुख्य अतिथि तथा सभी आमंत्रित अतिथि वक्ताओं के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। डॉ.चारू मिश्रा ने मंच संचालन का दायित्व संभाला। इस अवसर पर ऑर्ग्नाइजिंग सेक्रेटरी अनुष्का छौंकर, कोऑर्डिनेटर हेमंत कुमार निराला, डॉ. प्रशान्त द्विवेदी सहित संपूर्ण महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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