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बिजली बिभाग तो अपने कारनामे से सुर्खियो मे बना रहना चाहता है और उपभोक्ताओं और कर्मचारियों पर अपनी दबन्गई के चगुंल मे दबाना चाहता है , वही एक तरफ सहायक अभियन्ता के काले कारनामे से गौर के अवर अभियन्ता को बलि का बकरा बनाकर सहायक अभियन्ता आजाद और वैकौफ चैन कि नीद सो रहे है और विभागिये वाह वाही कि लुट लुट रहे है जबकि सहायक अभियन्ता गौर के आवन्टित क्षेत्रों के ग्रामीणों द्वारा सहायक अभियंता
गौर पर सप्लाई कटौती से लेकर के अनेक अनियमित्ताओं मे किये गये शोषण और अवैध वसूली को लेकर वसुले गये धन के सम्बन्ध मे लगाये है गम्भीर आरोप, जबकि सहायक अभियन्ता गौर पैसे के लिये अवैध वसुली करवा चुके है और लुटपाट कर उपभोक्ताओं और विभाग का लाखो रुपये कि पहुचा रहे छति, जबकि सहायक अभियंता गौर अरविंद कुमार बहुत ही शातिर चालाक किस्म का व्यक्ति है और अवर अभियन्ता के उपर जबरन दबाव बनाकर अवर अभियंता को आगे करके उपभोक्ताओ से अवैध वसुली करवाते हैं, और जब मामला मीडिया और फसे फसाये पर आने लगती तो झाड लेते है पल्ला, वही दूसरी तरफ सहायक अभियंता के उपर आवन्टित क्षेत्रो के ग्रामीण उपभोक्ता द्वारा आरोप लगाते हुये कहा गया है कि महोदय के कार्यकाल मे त्रुटिपूर्ण बिलो को संसोधन सही करने के लिये बिना फिरोती लिये बिलो को सही नही किया जा रहा है और आये दिन बिजली कि समस्याओं मे समाधान करने मे लेते है फिरोती जबकि सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निवारण प्रणाली द्वारा गौर के अवर अभियन्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था जबकि खामिया सहायक अभियन्ता अरविंद कुमार कि थी परन्तु सहायक अभियन्ता अरविंद कुमार पर नही हुयी कार्यवाही जबकि मामले का जन्म सहायक अभियन्ता द्वारा कराया गया और मौखिक रुप से आदेशित करते हुये उपभोक्ता से बार बार पैसा लेने का दबाव अवर अभियंता पर बनाया गया जिसके चलते अवर अभियन्ता वेदप्रकाश मिश्रा द्वारा उपभोक्ता पर दबाव बनाकर पैसे लेने कि भावना से दबाव बनाया गया और तब उपभोक्ता द्धारा अपनी परेशानी से परेशान होकर भ्रष्टाचार निवारण प्रणाली बस्ती को सूचित कर दिया गया और मामले कि जाच करने कि शिकायत दर्ज करायी गयी और सारे खेल के खिलाडी सहायक अभियंता को विभाग और भ्रष्टाचार निवारण प्रणाली दोषी नही मान रही है और वेवजह अनायास कि रंजिश के तहत फसे फसाये अवर अभियंता पर हो गयी कार्यवाही और सहायक अभियंता मौज मस्ती मे काट रहे रात जबकि निर्दोष व्यक्ति अवर अभियंता वेदप्रकाश मिश्रा को दोषी बनाया गया और वेदप्रकाश मिश्रा को सीनियर के आदेशो का पालन करना पड गया भारी जबकि दोषी व्यक्ति सहायक अभियन्ता अरविन्द कुमार कार्यवाही से मुक्त है निर्दोष व्यक्ति को विना कसूर के साबित कर दिया गया घुसखोर जबकि कार्यवाही सहायक अभियन्ता पर होनी चाहिये परन्तु कानुन कि गिरफ्ट से आजाद है और विभाग को अवर अभियन्ता वेदप्रकाश को कार्यवाही से मुक्त कराकर और सहायक अभियन्ता अरविंद कुमार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुये अतिशीघ्र सम्वैधानिक कार्यवाही करते जाच करानी चाहिए

*बस्ती से
व्योरो रिपोर्ट
रमाकान्त
7081450020
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