बाराबंकी। विद्युत उपकेंद्र फतेहपुर में एक चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। मामले में पीड़ित संविदाकर्मी ने विभाग के अधिशासी अभियंता पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की है।
मालूम हो मध्यांचल विद्युत वितरण खंड क्षेत्र के 33/11 के0वी उपकेंद्र फतेहपुर में वर्तमान समय में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जहां पर उपभोक्ता देवो भव: का नारा बुलंद करने वाला बिजली विभाग अपने ही कर्मचारियों का शोषण करने से बाज नहीं आ रहा। प्रदेश सरकार द्वारा बिजली विभाग के ज्यादातर क्रियाकलाप ऑनलाइन करने के बाद विभाग के अधिकारियों की अवैध कमाई कम हो गईं हैं। जिसके चलते भ्रष्ट्र अधिकारी अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी से बर्खास्तगी के नाम पर लाखों रूपयों की डिमांड कर रहे हैं। जिसकी पूर्ति न होने के चलते वर्षों से काम कर रहे संविदाकर्मी अचानक बेरोजगारी का शिकार हो जाते हैं। जिसका जीता जागता एक उदाहरण विद्युत उपकेंद्र फतेहपुर से सामने आया है। जहां विगत 10 वर्षों से (एसएसओ) सब स्टेशन आपरेटर के पद पर तैनात संविदा कर्मी सुनील गुप्ता ने अधिशासी अभियंता राम अवतार पर संगीन आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत की है। शिकायतकर्ता सुनील कुमार गुप्ता ने बताया, अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात राम अवतार ने 14 फरवरी 2024 में अपने ऑफिस में बुलाकर नौकरी बहाली के नाम पर 01 लाख रुपए की रिश्वत की मांगी थी। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने कहा था यदि नौकरी करनी है तो 1 लाख रुपए हर हालत में देना होगा रुपए नहीं दोगे तो तुम्हारी जगह पर दूसरे व्यक्ति को बहाल कर देंगे यहां पर लोग पैसा लेकर लाइन में खड़े हुए हैं। हर माह यही बात बार-बार दोहाराई जाती थी। आरोप है की एक लाख रुपयों की व्यवस्था न होने पर पीड़ित को बर्खास्त कर दिया गया। जिसको लेकर संविदा कर्मी व उसका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पीड़ित संविदा कर्मी ने मुख्यमंत्री द्वारा न्याय न मिल पाने पर आत्महत्या कर लेने की बात भी कही है। इस संबंध में अधिशासी अभियंता राम अवतार से दूरभाष द्वारा जब बात की गई तो उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए इस विषय पर बात करने से स्पष्ट रुप से मना कर दिया और कहा जो भी बताना होगा वह मैं कोर्ट में बताऊंगा।

बगैर नोटिस दिए ही हटा दिया गया संविदा कर्मचारी

पीड़ित संविदा कर्मी ने बताया कि बगैर किसी नोटिस व अग्रिम सूचना के अचानक उसे हटाए जाने पर परिवार के भरण पोषण का भीषण संकट आन पड़ा। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि मुख्यमंत्री आए दिन अपने संबोधन में यह कहते नजर आए हैं कि अचानक किसी का ना तो घर छिना जाएगा ना नौकरी तो क्या एक्सियन राम अवतार ही विद्युत विभाग के सर्वे सर्वा हैं अथवा कोई और ?

शासन में प्रमुख पद पर आसीन है अधिशासी अभियंता राम अवतार का कोई करीबी..

नाम न छापने की शर्त पर विभाग के ही एक कर्मचारी ने बताया, जब से विद्युत विभाग प्राइवेटाइजेशन में गया है। तबसे अधिकारियों के पौ-बारह हो गए हैं कही कमर्शियल कनेक्शन के नाम पर, कही मीटर जलने के नाम पर और तो छोड़िए नए नए भर्ती हुए संविदाकर्मियों से अधिशासी अभियंता अपने शागिर्दों द्वारा मोटी रकम वसूल करते है। अगर शासन द्वारा इसकी निष्पक्ष जांच की जाए तो क्षेत्र के अनेक मामलो मे यह साहब आरोपी सिद्ध हो जाएंगे। इनकी भ्रष्ट कार्यशैली के चलते विगत कुछ समय पूर्व सोशल मीडिया पर रिश्वत लेते हुए वायरल वीडियो ने दो संविदा कर्मचारीयों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। यह भी संज्ञान में आया है कि अधिशासी अभियंता राम अवतार का कोई करीबी शासन में प्रमुख पद पर आसीन है जिसकी धौस दिखाकर धड़ल्ले से अवैध कमाई की जा रही है।
मीडिया के सवालों पर उलझे एक्सियन राम अवतार
उक्त आरोप पर जब हमारे संवाददाता ने एक्सियन से बात की तो उन्होंने कहा हम मीडिया से कोई बात नहीं करना चाहते हैं मीडिया कोई कोर्ट नहीं है। अब सवाल यह है कि किसी कर्मचारी या आम जनमानस को कोई समस्या है तो मीडिया को जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझते हैं एक्सियन राम अवतार हालांकि इन दिनों यह मामला तहसील फतेहपुर इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है अब देखना यह है कि क्या रिश्वत के आरोपी अधिशासी अभियंता पर योगी का हंटर चलेगा अथवा नहीं?

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