बलवान सिंह
बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के रहने वाले किसान अमन ने एक बीघे में गुलाब की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा फायदा हुआ है। आज वह करीब तीन बीघे में गुलाब की खेती कर रहे हैं।
गुलाब की खेती व्यावसायिक स्तर पर करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। गुलाब की खेती बहुत पहले से पूरी दुनिया में की जाती है। इसकी खेती पूरे भारतवर्ष में व्यवसायिक रूप से की जा रही है। गुलाब के फूल डाली सहित या कट फ्लावर तथा पंखुड़ी फ्लावर दोनों तरह के बाजार में व्यापारिक रूप से पाये जाते हैं। गुलाब की खेती देश व विदेश में निर्यात करने के लिए दोनों ही रूप में बहुत महत्वपूर्ण है। वहीं आपको बताते चले की जिले का एक युवा किसान फूलों की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे है। इस खेती से उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है।
बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के रहने वाले युवा किसान अमन ने एक बीघे में गुलाब की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा फायदा हुआ है। आज वह करीब तीन बीघे में गुलाब की खेती कर रहे हैं। इस खेती से लगभग उन्हें तीन से चार लाख रुपये मुनाफा प्रतिवर्ष हो रहा है। यह खेती उनके लिए सब्जी और अन्य किसी भी सामान्य फसलों की तुलना में ज्यादा लाभकारी साबित हुई है। गुलाब के फूल की खेती करने में लागत बहुत कम आती है और वहीं अन्य फसलों की अपेक्षा आय भी अधिक होती है। यहीं नहीं फूलों की खेती करने में खेत की उर्वरक क्षमता में भी कोई असर नहीं पड़ता, क्योंकि फसल की पैदावार के लिए कोई भी कीटनाशक दवा का उपयोग नहीं करना पड़ता है।
गुलाब की खेती फायदे का बिजनेस
गुलाब की खेती करने वाले किसान अमन ने बताया पहले हम मेंथा, धान, गेहूं आदि की खेती करते थे। जिसमें मुझे कोई फायदा नजर नहीं आ रहा था। फिर हमें फूलों की खेती के बारे में जानकारी हुई, तो हमने एक बीघे से गुलाब की खेती की शुरुआत की। जिसमें हमें अच्छा मुनाफा देखने को मिला। आज करीब तीन बीघे में गुलाब की खेती कर रहे हैं जिसमें लागत करीब 25 से 30 हजार रुपये आती है। क्योंकि इसमें पौधा, खाद, पानी, लेबर व जुताई का खर्च थोड़ा ज्यादा आ जाता है और मुनाफा करीब एक फसल पर तीन से चार लाख रुपए तक हो जाता है। गुलाब के पेड़ की कटिंग से भी गुलाब के पौधे लग जाते हैं। ऐसे में एक बार यह पौधे लगाने पर साल में दो बार अच्छी मात्रा में फूल देते हैं।
इसकी खेती करना बहुत ही आसान
किसान अमन ने बताया गुलाब की खेती कई तरह से की जाती है लेकिन मैं कलम विधि का प्रयोग करता हूं। गुलाब की खेती के लिए सबसे पहले खेत की जुताई दो से तीन बार करनी पड़ती है. उसके बाद खेत को समतल कर गोबर की खाद का छिड़काव किया जाता है फिर एक से डेढ़ फीट की दूरी पर गुलाब के पौधे को लगा देते हैं फिर इसकी सिंचाई करते हैं। महज 3 महीने में पेड़ तैयार हो जाता है फिर इसके फूलों को तोड़कर बाजारों में बेच देते है। यह फसल 7 से 8 महीने तक चलती है जिसको कई बार बाजारों में बेचा जा सकता है।