बाराबंकी आजाद भारत को हॉकी में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले बाराबंकी के सपूत व महान हॉकी खिलाड़ी बाबू केडी सिंह की हवेली अब बतौर म्यूजियम के नाम से पहचानी जाएगी। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन संभालेगा।

आजाद भारत को हॉकी में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले बाराबंकी के सपूत व महान हॉकी खिलाड़ी बाबू केडी सिंह की हवेली अब बतौर म्यूजियम के नाम से पहचानी जाएगी। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन संभालेगा। म्यूजियम में बाबू के खेल जगत से लेकर सार्वजनिक जीवन तक के सफर की तमाम उपलब्धियों को संजोया जाएगा। ताकि इस महान खिलाड़ी से जुड़ी छोटी-बड़ी बातों को युवा पीढ़ी आसानी से जान समझ सके।

बाबू केडी सिंह के परिवारीजनों की तरफ से एकजुट होकर अदालती विवाद समाप्त किए जाने की सहमति के बाद नियुक्त हुए रिसीवर एसडीएम ने बृहस्पतिवार को बाबू की हवेली को सील कर इसे प्रशासनिक कब्जे में ले लिया। जल्द ही लोक निर्माण विभाग द्वारा लागत का आंकलन करने के बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसे लेकर प्रशासन शुक्रवार को अपना प्रस्ताव शासन को भेजेगा।

शहर के मोहल्ला सिविल लाइन में करीब 38 हजार स्क्वायर फिट में स्थित बाबू केडी सिंह की हवेली पारिवारिक विवाद के चलते नीलामी की कगार तक पहुंच गई थी। जिले के प्रभारी मंत्री व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अफसरों ने हवेली को म्यूजियम बनाने का प्रयास शुरू किया। सीएम की पहल पर मामला आगे बढ़ा तो कोठी की नीलामी प्रक्रिया रोकी गई। इसके बाद केडी सिंह के परिवार के लोग भी अपनी हठ छोड़कर आगे आए।

म्यूजियम के प्रस्ताव पर बंटवारे पर बिखरा परिवार एक हो गया है। केडी सिंह बाबू के पुत्र विश्व विजय सिंह ने बाया कि पिताजी की याद में म्यूजियम बनाने से अच्छा दूसरा कोई प्रस्ताव नहीं हो सकता है। इसी लिए परिवार के सभी लोगों ने अपनी सहमति के निर्णय लिया कि वह सिर्फ सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा लेकर इस कोठी का स्वामित्व प्रशासन को सौंप देंगे। साथ ही पूरा परिवार कोठी को म्यूजियम बनाने में भी हर संभव सहयोग देगा। इसके लिए बाबू केडी सिंह की देश के प्रति जो उपलब्धि है उसका इतिहास, फोटो ग्राफ, न्यूज पेपर की कटिंग, जीते हुए पदक व ट्रॉफी सभी कुछ उपलब्ध कराया जाएगा।

रिसीवर बनने के बाद बृहस्पतिवार को एसडीएम सदर विजय कुमार त्रिवेदी अपनी टीम के साथ पहुंचकर हवेली को सील कराया। साथ ही उसकी पूरी पैमाइश और लागत के लिए डीएम के आदेश पर लोक निर्माण विभाग से मूल्यांकन कराने के आदेश दिए। एसडीएम ने बताया कि हवेली पर सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएंगे। इस मौके पर तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

डीएम सत्येंद्र सिंह ने बताया कि बाबू केडी सिंह की हवेली का रिसीवर एसडीएम बनने के बाद सील कर कब्जे में ले ली गई है। शुक्रवार को मूल्यांकन कराकर अधिग्रहण करने और म्यूजियम लिए डीपीआर तैयार कराने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

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