फतेहपुर,मलवा विकास खंड क्षेत्र के अन्तर्गत पहुर गाँव में रामलीला के दूसरे दिन धनुष यज्ञ का कलाकारों द्वारा अभिनय किया गया। आस पास के सैकड़ों गावों के महिलाओं और पुरूषों के के आलवा बच्चों ने राम की लीला देखकर जय श्रीराम का नारों के साथ ही जय कारे बोले जा रहे थे।कलाकारों ने जनक विलाप,धनुष यज्ञ,लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन किया गया।वही पुत्री के विवाह के लिए राजा जनक ने धनुष यज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें दूरदराज के शहरों से आए राजाओं ने धनुष को तोड़ना तो दूर हिला भी नहीं पा रहे थे। इससे दुखी जनक पुत्री के विवाह के लिए चिंतित दिखाई देते हैं। और उनका विलाप सुनकर के लोग दुखी हो जाते हैं।गुरु की आज्ञा पाकर के श्री राम धनुष को एक ही बार में तोड़ देते हैं।सीता सखियों सहित मंगल गान के बीच श्रीराम को वरमाला पहना देती है।इस दृश्य के बाद दर्शक जय जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष करते हैं।मंदराचल पर्वत पर तपस्या में लीन भार्गव परशुराम धनुष टूटने की कर्कश आवाज से अचंभित हो जनकपुरी में पहुंचते हैं । और धनुष तोड़ने वाले को समाज से अलग हो जाने की बात कहते हैं। नहीं तो सभी राजा को मारने की चेतावनी देते हैं । तब लक्ष्मण और परशुराम के बीच में तार्किक संवाद शुरू हो जाता है।राम के अनुनय विनय के बाद भी परशुराम का क्रोध कम नहीं होता है।बाद में परशुराम के संदेह को दूर करने के लिए श्री राम चाप खींचते हैं जिससे परशुराम का संवाद का समापन होता है।संचालन पूर्व प्रधान गणेश दीक्षित ने किया।युवा विकास समिति के प्रवक्ता आलोक गौड़,कमेटी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह गौतम,शिवम तिवारी,दुर्गेश मिश्रा,हिमांशु सिंह गौतम,निर्मल सिंह,तोयज दुबे आदि रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here