- अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष के जनपद आगमन के सारा दिन निकाले जाते रहे निहितार्थ
- कई महीनों से अपनों से घिर रहीं केंद्रीय राज्यमंत्री की प्रत्याशिता को लेकर आम जनता में दिख रहा कौतूहल
फतेहपुर। लगातार दो बार से फतेहपुर संसदीय जीतने वाली भाजपा, इस मर्तबा लोकसभा के चुनाव में उतरेगी या नहीं? यह सवाल अचानक उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि एनडीए के घटक अपना दल ( एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल का चुनावी सिलसिले में रविवार दोआबा की सरजमीं पर आगमन होने जा रहा है। जिस तरह से इस क्षेत्रीय दल के प्रदेश अध्यक्ष शुक्रवार, अपनी पार्टी के १२ सीट पर चुनाव लड़ने की बात कह कर गए हैं और जिले की सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को कई महीनों से अपनों की चुनौती मिल रही है। उससे एनडीए प्रत्याशिता के फिलवक्त अलग अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
हालांकि, अगर फतेहपुर सांसद साध्वी निरंजन ज्योति के दोनों कार्यकाल की बात की जाए तो ठीकठाक ही रहे हैं। पीएम मोदी की अगुवाई में जिस तरह से देश की सरकार ने कई अहम फैसले लिए। धारा 370 का मामला रहा हो या फिर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा। यह कुछेक निर्णय, मौजूदा केंद्र की सरकार को इस चुनाव में भी मजबूती देने वाले माने जा रहे हैं। चूंकि,भाजपा इस सीट पर दो मर्तबा जीत का परचम लहरा चुकी है। इस सफलता का सेहरा साध्वी के सिर बंधा है। फिर भी जिस तरह की भाजपाई सियासत का मौजूदा परिदृश्य सामने आ रहा है। उसमें कई बातें निकल कर सामने आने लगी हैं। मौजूदा सांसद को घेरने का काम कई महीने से चल रहा है। जिसमें पार्टी के कद्दावर चेहरे शामिल हैं। ऐसे में साध्वी इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने को मैदान में होंगी या उनकी जगह एनडीए प्रत्याशिता का जिम्मा कोई और उठाएगा। यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है क्योंकि भाजपा के हमसफर अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल, लोकसभा चुनाव से पहले मतदाताओं, खासकर कुर्मी बिरादरी को लुभाने के लिए रविवार को आ रही हैं। अनुप्रिया से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल इस चुनाव में अपना दल (एस) के लिए १२ सीट मिलने का भरोसा जता चुके हैं। जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष का जनपद आगमन, सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। सूत्रों की माने तो भाजपा में उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त और अपना दल ( एस) का १२ सीट के लिए फतेहपुर में जिस तरह दावा किया गया। उससे पार्टी को यह सीट अपना दल (एस) को देनी पड़ सकती है। बहरहाल,अभी चुनाव का शोर ही शुरु हुआ है। ऐसे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन अनुप्रिया का दौरा सियासी गलियारों की गर्माहट बढ़ाने को काफी हो सकता है।