पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद जिले के बोहर्रमपुर कस्बा निवासी रामभक्त विश्वंभर कलिता ने बताया कि पश्चिम बंगाल में शांति और सद्भाव पर अराजकता का बोलबाला है। डेढ़ वर्ष पहले ही संकल्प ले लिया था कि जिस दिन अयोध्या श्रीराम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा होगी उस दिन कोलकाता से अयोध्या पैदल चल कर पहुंचूंगा और पश्चिम बंगाल में भी शांति-सद्भाव और रामराज्य की स्थापना के लिए प्रभु से प्रार्थना करुंगा।

श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के गर्भ गृह में प्रभु के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, आस्था की लहरें बांध तोड़ने लगी हैं। गांव-गांव में युवाओं की टोली कहीं साइकिल से तो कहीं पैदल ही अयोध्या धाम के दर्शन-पूजन का संकल्प लिए तैयार बैठी है। बुधवार को कोलकाता से अयोध्या नंगे पांव पैदल चलकर मऊनाथ भंजन पहुंचे पश्चिम बंगाल के तीन युवाओं की आस्था देख हर सनातनी की आस्था अंगड़ाई लेने लगी। तीनों रामभक्त आगे बढ़ते और जनता जयश्रीराम का जयकारा लगाने लगती।

पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद जिले के बोहर्रमपुर कस्बा निवासी रामभक्त विश्वंभर कलिता ने बताया कि पश्चिम बंगाल में शांति और सद्भाव पर अराजकता का बोलबाला है। डेढ़ वर्ष पहले ही संकल्प ले लिया था कि जिस दिन अयोध्या श्रीराम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा होगी उस दिन कोलकाता से अयोध्या पैदल चल कर पहुंचूंगा और पश्चिम बंगाल में भी शांति-सद्भाव और रामराज्य की स्थापना के लिए प्रभु से प्रार्थना करुंगा।

पश्चिम बंगाल के ही नदिया जिले के दुर्गापुर गांव निवासी पप्पू बाला व कोलकाता के गड़िया मोहल्ला निवासी अभिषेक शर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में माहौल बदलना जरूरी है। कहा कि वहां सनातनी अब असहज महसूस करने लगे हैं। कहा कि उन्होंने दादा-परदादा से सुना था कि रामराज्य में किसी को सताया नहीं जाता था। कोई अराजकता नहीं होती थी। सभी शांति और सद्भाव से रहते थे। पश्चिम बंगाल में वही शांति और सौहार्द्र का माहौल एक बार पुन: वापस लाने के लिए अयोध्या पहुंचकर प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करने निकले हैं।

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