बाराबंकी। संस्कार विहीन जीवन भटकाव में रहता है। समय का अनुशासन मानकर संस्कारों को धारण करने वाला व्यक्ति ही सफलता की सीढियाँ चढ़ता जाता है।
उक्त विचार मुख्य अतिथि कीर्ति चक्र और सेना मेडल विजेता सेवानिवृत्त मेजर एके सिंह ने कला संस्कृति विकास योजना अन्तर्गत संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दो दिवसीय संस्कार लोकगीत महोत्सव का मंगलवार को सम्पन्न हुए समापन कार्यक्रम में व्यक्त किये।
मेजर श्री सिंह ने यह भी कहा कि, हमारे समाज में गंदा करने वाला बड़ा आदमी और साफ करने वाला छोटा आदमी माना जाता है। यह स्वस्थ समाज का लक्षण नहीं है।
स्थानीय मलिक मैरिज हॉल में प्रयास ट्रस्ट द्वारा आयोजित संस्कार महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सुंदर आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कीर्ति चक्र और सेना मेडल विजेता सेवानिवृत्त मेजर एके सिंह, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी रामकुमारी मौर्य, प्रियंका पाठक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर शुभारम्भ किया।
समाज सेवी प्रदीप सारंग के संचालन में सम्पन्न संस्कार लोकगीत महोत्सव में पूजा पाण्डेय द्वारा राम जन्म का सोहर ‘रामजी के भईले जनमवा, चलहु करि आई दर्शनवा’ की सुन्दर प्रस्तुति दी गई। उसके बाद ‘पलने में झूले मेरे राम, मैं तो वारी जाऊं’ की भावपूर्ण प्रस्तुति हुई। अनुष्का पाण्डेय के भावनृत्य ने खूब तालियाँ बटोरी तो अर्चना मिश्रा, किरण भारद्वाज, लता श्रीवास्तव, अक्षत के गीतों ने उपस्थित जनसमूह की वाहवाही पाई। इस अवसर पर पत्रकारिता क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले वरिष्ठ पत्रकार संतोष शुक्ल, रंजीत गुप्ता, उमेश श्रीवास्तव, सुमंगल दीप त्रिवेदी आदि को संस्था की ओर से सम्मानित किया गया। सभी प्रतिभागियों को अनीता शुक्ला द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
प्रयास ट्रस्ट के अध्यक्ष विभव शुक्ला, संस्थापिका अनीता शुक्ला, कमलेश शुक्ला, रत्नेश कुमार, गुलज़ार बानो, मंजू यादव, सहित कई लोग उपस्थित रहे।