बाराबंकी श्री राम जानकी बड़ा ठाकुरद्वारा मंदिर न्यास के सचिव अजय सिंह ने शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिलकर ठाकुरद्वारा के दुकानों की प्रशासन की देखरेख मेंसार्वजनिक नीलामी कराई जाने की मांग की। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि दुकानों को हड़पने की साजिश के तहत उनके खिलाफ अभियान शुरू किया गया। मंदिर के पुजारी को डरा धमका कर भगा दिया गया और उसके स्थान पर नरसी बज अनुशासनहीन पुजारी को बैठा दिया गया।
पत्र में आरोप लगाया गया कि पूर्व के अध्यक्ष पवन कुमार भाई सुधर मंदिर में विराजमान ठाकुर जी सहित अन्य मूर्तियों के स्वर्ण आभूषण भोग हद में प्रयुक्त होने वाले चांदी के पत्र जो की उन्होंने पूर्व अध्यक्ष सूर्य नारायण टंडन से प्राप्त किया था दर्जनों बार लिखित एवं मौखिक अनुरोध के बाद भी ट्रस्ट को वापस नहीं किया। उन्होंने किस आभूषण को पूर्व अध्यक्ष से प्राप्त कर इसकी प्राचीनता की जांच कराए जाने की मांग की।
आरोप लगाया कि स्थानीय दबंग माफिया किस्म के लोगों के साथ मिलकर मंदिर के अग्रभाग में निर्मित दुकानों पर कब्जा कर लेना चाहते हैं। बैंक में जमा दो खातों के लगभग 50 लख रुपए को भी बंदर बांट करने की योजना बना रहे हैं। मंदिर में धार्मिक पूजा पाठ उत्सव निरंतर होते रहते हैं न्यासा सदस्यों का मन स्वाभिमान मंदिर की संपत्ति को विधर्मी अराजक तत्वों द्वारा छाती ना पहुंचे इसके लिए जिला प्रशासन का संरक्षण होना आवश्यक है।
पत्र में कहा गया है कि भवन निर्माता नौशाद आलम ने उच्च न्यायालय में दया याचिका पर दिए गए आर्बिट्रेशन में किए गए समझौते का मोटा पालन नहीं किया गया जिसकी निर्धारित सीमा समाप्त हो चुकी है। उन्होंने न्यासा संपत्ति की पैमाइश कराकर घरौनी जारी कराए जाने की मांग की। पत्र पर महंत बीपी दास, रमेश चंद्र कुरील भारत लाल सिंह आदि ने भी हस्ताक्षर किए हैं ।
मंदिर न्यास के अध्यक्ष पवन कुमार वैश्य का करना है कि मंदिर के जेवर उनके पास सुरक्षित है। उन पर आरोप सचिन ने उसे समय से लगाना शुरू किया जब से उन्होंने ढाई लाख रुपए का हिसाब मांगा। मीटिंग में बुलाने पर वह आते भी नहीं और ना ही आमने-सामने बात करने के लिए तैयार हैं।