फतेहपुर जनपद स्तरीय रबी गोष्ठी श्रीअन्न (मिलेटस) कृषक जागरूकता, कृषक प्रशिक्षण का शुभांरभ मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने प्रेक्षागृह में लगे स्टालों का फीता काटकर किया।
उप कृषि निदेशक, फतेहपुर राम मिलन सिंह परिहार ने कार्यक्रम संचालन करते हुए कार्यक्रम का विवरण एवं उपस्थित समस्त अधिकारियों एवं अतिथियों का स्वागत एवं माल्यापर्ण कर कर शासन द्वारा संचालित लाभार्थीपरक योजनाओं की जानकारी दी, रबी फसलों की नई प्रजातियों को बोये जाने एवं अधिक उत्पादन प्राप्त कर अधिक आय प्राप्त किये जाने, पी०एम०-किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत भूलेख अंकन, ई-केवाईसी, कृषकों को अपना बैंक खाते को आधार से लिंक (एमपी सी.आई) कराये जाने एवं अन्य विभागीय योजनाएँ, पी०एम०कुसुम, कृषि यंत्रीकरण योजना, फसल बीमा योजना एवं मिलेट्स बीजों को बोये जाने एवं उसके उपयोग को बढ़ावा दिये जाने व कम लागत में अधिक आय प्राप्त किये जाने के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी कृषको को उपलब्ध करायी ।
डा० जितेन्द्र सिंह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा समय-समय पर कृषकों के मृदा परीक्षण कराने गोबर की खाद का प्रयोग करने, जल संचयन, गेहूँ फसल के उपरान्त भूमि की जीवांश मात्रा को बढ़ाए जाने, ढैंचा की बुआई करने एवं मृदा प्रबंधन एवं जैविक खाद के अधिक प्रयोग की जानकारी तथा कृषक वैज्ञानिको के माध्यम से अपने व कृषकों के अनुभवों को सीधे कृषक / वैज्ञानिक संवाद के माध्यम से जानकारी कृषकों के मध्य साझा की गयी। कृषकों को मिलेट्स फसलो की मुख्य फसल-ज्वार, बाजरा, रागी व सह फसल-सांवा, कोदो, काकून, चना, कुटकी आदि बीजों को बोए जाने के साथ दलहनी व तिलहनी फसलों को बोये जाने, जैविक एवं हरी खाद प्रयोग कर खेती किये जाने हेतु प्रेरित किया गया।
शब्बीर हुसैन, उद्यान निरीक्षक द्वारा विभागीय संचालित योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी एवं अनुदान के बारे जानकारी कृषकों को उपलब्ध करायी गयी। आम, नीबू व प्याज की खेती करने हेतु कृषकों को प्रेरित किया गया। जनपद में फसलों में बोई जाने वाली सब्जियों के बीजों को प्राप्त करने हेतु कृषकों से अपील की गई कि अभी से अपना मांग पत्र / आवेदन उद्यान कार्यालय को उपलब्ध करा दें, जिससे मांग प्रेषित कर उपलब्धता कराकर कृषकों की आवश्यकतानुसार बीज उन्हें समय से उपलब्ध कराया जा सको।
डा० जगदीश किशोर, कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आलू, चना फसल में लगने वाले कीट, एवं रोग नियन्त्रण, फसलों की सिंचाई पाइप से करने एवं जल संचयन करने की अपील की गयी। फसलों में सतुलित बीज उर्वरक एवं कीटनाशक का प्रयोग करने भी अपील की गयी।
कमलेश, मत्स्य निरीक्षक द्वारा मत्स्य पालन विभाग में संचालित विभागीय योजना यथा-प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना आदि की विस्तृत जानकारी कृषकों को उपलब्ध कराते हुए मत्स्य पालन कर अपनी आय को बढ़ाये जाने हेतु प्रेरित किया गया।
डा० संजय पाण्डेय, कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषकों से कृषि कार्य के साथ-साथ अधिक से अधिक पशु पालन कर दुग्ध उत्पादन कर अधिक आय प्राप्त करने के साथ देशी गाय की ब्रीड में पशु चिकित्सालयों में उपलब्ध साहीवाल गाय के ब्रीड को सीमन को डलवाकर व दो वर्गीय सीमन (कृत्रिम गर्भाधान कराकर) अधिक दुध उत्पादन कर अपनी आय को बढ़ाने हेतु प्रेरित किया गया।
डा0 साधना वैश्य, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मोटे अनाज की बुआई विपणन एवं उससे लाभ आदि के बारे में कृषकों को विस्तार से बताया गया। चिया, किनवा आदि मोटे अनाज को भूमि पर भी बोया जा सकता है, इसके साथ ही कृषको को मिलेट्स(मोटे अनाज) यथा–ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा, चिया, किनवा आदि को बोने तथा उसके लाभ के बारे में बताया गया। ज्वार फसल के लाभ के बारे में यह बताया कि ज्वार मुख्य शुष्क क्षेत्रों का पारंपरिक मुख्य भोजन है। यह कीट एवं रोग प्रतिरोधी है प्रोटीन, विटामिन, रेशा थायमिन, राइबोफ्लेविन फोलिक अम्ल, पोटेशियम आदि लाभाकारी गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। कोदो में सबसे अधिक रेशे होते है, इसमे फाइबर प्रोटीन, वसा की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे यह जल्दी पचने में सहायक होता है। सांवा फसल में प्रोटीन एक फाइवर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इस अनाज में फैटी लिनोलिक पाल्मीटिक व ओलिक एसिड पाए जाते है। आजकल मधुमेह रोग के देखते हुए सांवा एक आदर्श आहार बन सकता है। बाजरा शुष्क एवं उष्ण क्षेत्र में न्यूनतम उपजाऊ भूमि में भी पैदा होने वाली महत्वपूर्ण खाद्य फसल है, इसमें ऐसे जैव रसायन पाए जाते है, जो कोलेस्ट्राल का स्तर कम करने में सक्षम है। ऐसे अनेक गिलेटस फसलों के गुणकारी लाभों के बारे में कृषको को अवगत कराया गया।
जिला कृषि अधिकारी ब्रजेश सिंह ने कृषकों को कृषि निवेश व्यवस्था, उर्वरक व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध करायी, इसके साथ ही यह भी बताया गया कि जनपद स्तर पर मिलेट्स को बोये जाने हेतु अर्न्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अर्न्तगत मोटे अनाजों के क्षेत्रफल विस्तार हेतु मिनीकिट्स के रूप में कृषकों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें सावा, कोदो, रागी ज्वार एवं बाजरा के मिनीकिट कृषकों में निःशुल्क वितरित कराये गये है। नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए रबी अभियान हेतु सरकार द्वारा जनपद को 19492 बोतल का आंवटन किया गया है, कृषकों से अपील है कि द्वितीय पर्णीम छिड़काव में इसका प्रयोग करायें, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे है।
खरीफ किसान गोष्ठी में प्रगतिशील किसान लोकनाथ पाण्डेय, बजरंग सिंह सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
अक्षय ऊर्जा:- सौर ऊर्जा एवं बायो ऊर्जा के उपयोग की जानकारी गोष्ठी में उपस्थित किसानों, एफ०पी०ओ०, उद्यमियों तथा आइ०टी०आई सिराथू तथा आई०टी०आई० फतेहपुर के सूर्य मित्र प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने अक्षय ऊर्जा को अपनाने तथा उससे जुडने का आवाहन किया गया।
गोष्ठी में सतेन्द्र सिंह, अध्यक्ष लघु उद्योग द्वारा उद्योगो तथा घरो में सौर ऊर्जा अपनाकर उसके फायदो से व्यापक रूप में चर्चा की गई।
इस अवसर पर यूपीनेडा द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद फतेहपुर के तहसील बिन्दकी ग्राम चांदपुर तृतीय में शीघ्र ही 10 टन क्षमता का कम्प्रेस्ड बायो गैस उत्पादन संयंत्र स्थापित किया जायेगा, जिसमें प्रति वर्ष लगभग 40 हजार टन पराली की खपत होगी, किसान अपनी पराली बेचकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेगें।
इस अवसर पर घरेलू अन्य क्षेत्रो एवं कुसुम सी-1 के अन्तर्गत विद्युत एवं नलकूप को भी सोलर से ऊर्जीकृत करने के सम्बन्ध मे सौर ऊर्जा की उपयोगिता उन पर आने वाले खर्च तथा वित्तीय विश्लेषण के सम्बन्ध में विस्तार में जानकारी वरिष्ठ परियोजना अधिकारी यूपीनेडा लखनऊ अजय कुमार द्वारा प्रदान की गई।
गोष्ठी में परियोजना अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव, जी०एम०डी०आई०सी०, जिला कृषि अधिकारी, उप निदेशक कृषि एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर यूपीनेडा द्वारा सोलर रूफटाप पर एक प्रर्दशनी का आयोजन भी किया गया है।
इस मौके पर उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी (रा०जला), भूमि संरक्षण अधिकारी, ई०ई०सी० उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर, परियोजना निदेशक (नेडा), मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अधिशाषी अभियन्ता सिंचाई, अधिशाषी अभियन्ता नलकूप खण्ड, शब्बीर हुसैन, उद्यान निरीक्षक, अग्रणी जिला प्रबन्धक डा०जितेन्द्र सिंह, डा०एस० पाण्डेय, डा०राहाना वैश्य, जात जगदीश किशोर, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र थरियांव सहित विभिन्न विभागो के अधिकारी, व अन्य कृषकगण एवं प्रगतिशील किसानों उपस्थित रहे।