सनातन धर्मावलंबियों के 500 वर्षों के संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है। श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसके बाद देश भर से सनातन धर्म में आस्था रखने वालों को मंदिर में दर्शन उपलब्ध होगा। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद पूरे देश से लोगों को दर्शन के लिए आमंत्रित करेगा।

सनातन धर्मावलंबियों के 500 वर्षों के संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है। श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसके बाद देश भर से सनातन धर्म में आस्था रखने वालों को मंदिर में दर्शन उपलब्ध होगा। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद पूरे देश से लोगों को दर्शन के लिए आमंत्रित करेगा।

विश्व हिंदू परिषद की तरफ से पांच कलश अक्षत तैयार किए गए हैं। इसे रविवार को लोहता स्थित माधव सेवा प्रकल्प से प्रभारियों को सौंपा जाएगा। प्रांत संगठन मंत्री नितिन ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने एक सप्ताह पूर्व काशी विभाग के काशी उत्तर, दक्षिण, मध्य, ग्रामीण और चंदौली के लिए अयोध्या से आए अक्षत से पांच कलश तैयार किया गया है।

घर-घर वितरण के लिए कलश में पांच किलो अक्षत को 40 क्विंटल चावल में देसी घी और हल्दी के साथ मिलाया जाएगा। विहिप महानगर अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने बताया कि राइस मिल में स्वच्छ धान का चयन कर चावल तैयार करा कर खरीदा जाएगा।

जिले के हर गांव-मोहल्ले के कार्यकर्ताओं को करीब पांच-पांच किलोग्राम चावल का बैग दिया जाएगा। कार्यकर्ता एक जनवरी से 15 जनवरी तक शहर से लेकर गांव तक घर-घर जाकर वितरण करेंगे। लोगों को एक चुटकी चावल, भगवान राम की तस्वीर और आमंत्रण पत्र सौंपेंगे।

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