कस्बा किंतूर में दुनिया के कोने-कोने से आने वाले जायरीनों की कतारें तब लगी जब 503 (वाँ) उर्से मीठे मदार मनाया गया यह उर्से मीठे मदार सालहा साल की तरह इस साल भी शाही तौर तरीके से मनाया गया जिसमें हजरत मौलाना अब्दुल अहद साहब के घर से चादर गागर निकाली गई और नातो मन्क़बत पढ़ते हुए मीठे मदार शाह के आस्ताने पर चादर पेश की गई उसके बाद कुल शरीफ का आगाज हुआ वहां पर मौजूद हुफ्फाजों और उलमाओं ने मिलकर कुरान की आयतें पढ़ी फिर उसके बाद में बेहतरीन हजरत मौलाना कारी सूफी जियाउद्दीन साहब ने मन्क़बत मीठे मदार पेश की और उनके बड़े भाई हजरत मौलाना अब्दुल अहद साहब ने मीठे मदार शाह की जिंदगी और उनके बारे में तफसील से बताया जिसमें हजारों की संख्या में जायरीन मौजूद रहे हज़रत मदार शाह रहमतुल्ला अलेह के इस उर्स में दूर-दूर से बच्चों के लिए खिलौने की दुकानें सजी मिली और मिठाइयों की दुकान चादरों कसीर तादाद में लगाई गई की कुल शरीफ़ के बाद लंगरे मीठे मदार जारी किया गया जिसमें बाहर से आए जायरीन और गांव के लोगों को लंगर खिलाया गया इस उर्स के मौके पर रात को सालाना जश्ने दस्तार बंदी का भी प्रोग्राम मिनक्किद किया गया जिसमें बाहर से आए मौलाना सैयद ऐबाद अशरफ और मुकर्रिरे खुसूसी सैयद अशरफ कलीम साहब ने खिताब फरमाया जिसमें दिगर शायरों ने नात पढ़ी इस मौके पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।

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