कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही अगहन शुरू हो रहा है। इसी के साथ मौसम का मिजाज भी बदलने लगा है। सोमवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे, जिससे सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए और धुंध भी छाई रही। इससे लोगों को सर्दियों की पहली ठंड का अहसास हुआ।

मौसम में आए बदलाव के कारण पारा भी लुढ़कना शुरू हो गया है। ठंड के चलते शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। आमतौर पर सुबह से ही सड़कों पर लगने वाली भीड़ शहर में नजर नहीं आई। गुरुनानक जयंती की छुट्टी के साथ मौसम के बदले मिजाज का असर दिनभर नजर आया। पूरे दिन धूप न निकलने से तापमान करीब तीन डिग्री तक लुढ़क गया है। रविवार का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस अधिकतम था, जबकि सोमवार का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड हुआ। न्यूनतम तापमान 16 डिग्री से लुढ़क कर 14 डिग्री पर आ गया है।

नियमित व्यायाम व खानपान का रखें ख्याल
सर्दियों में मुख्य रूप से सर्दी, खांसी, बुखार, जोड़ों का दर्द, कान का संक्रमण, टांसिल्स एवं ब्रोंकियोलाइटिस जैसी बीमारियां हो जाती हैं। इन सभी बीमारियों से बचने के लिए इम्युनिटी अच्छी होनी चाहिए। इसलिए नियमित व्यायाम और खानपान का ख्याल रखना जरूरी है। रोज कम से कम आधा घंटा व्यायाम करें। हरी सब्जियों, ताजे फल, गुड़, अदरक, तिल, खजूर आदि पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें। छोटे बच्चों में फेफड़े का संक्रमण रोकने के लिए नियमित गर्म तेल से मालिश करें। साथ ही शहद, काली मिर्च, जायफल का सेवन कराएं।

  • डॉ. राजेश कुशवाहा, वरिष्ठ परामर्शदाता जिला अस्पताल

सब्जियों में लग सकता है रोग
कृषि विज्ञान केंद्र हैदरगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ तापमान में गिरावट से अभी दलहन-तिलहन फसल पर कोई अधिक प्रभाव नहीं है। ठंड बढ़ने पर गेहूं का जमाव देरी से होगा। किसान खुले में रखा धान हटा दें अन्यथा ओस में भीगने से धान काला पड़ जाएगा। वहीं डॉ. अश्वनी सिंह ने बताया कि ठंड के कारण सब्जियों में रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है। इसके लिए अभी से बचाव करना जरूरी है।

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