रामनगर बाराबंकी
बाराबंकी जिले की तहसील रामनगर के अंतर्गत ब्लाक रामनगर के तराई क्षेत्र में बाढ़ और मूसलाधार बारिश से किसानों की धान की फसले लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किसानों की फसलों का उचित मुआवजा दिलाए जाने का आदेश दिया गया है लेकिन लेखपाल के द्वारा हवा हवाई सर्वेक्षण किया जाता है। हद तब हो गई की अधिकतर ग्रामीण लेखपाल को पहचानते भी नहीं है खाद पानी से लेकर किसानों को इस महंगाई में अपनी खेती किस तरह करनी पड़ती है वह किसान जानते हैं अगर किसान की फसल बाढ़, सूखे और दैबीय आपदा से बच भी जाती है तो केवल अपने परिवार का भरण पोषण भी नहीं कर सकता। फिर भी इन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण किसान दिन प्रतिदिन मायूस रहता है इसका एक उदाहरण ब्लॉक रामनगर के बाढ प्रभावित क्षेत्रों में देखने को मिलता है ।इस मामले में ग्राम पंचायत लहडरा, और मड़ना के लेखपाल की भी मनमानी साबित हो रही है।अगर वास्तव मे इसका विभागीय अधिकारियों द्वारा ईमानदारी से सर्वेक्षण किया जाय तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जायेगा। आखिर कब तक अन्नदाता कहा जाने वाला किसान फसलों की बर्बादी और तबाही को देखने के बाद इन जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी का शिकार कब तक होता रहेगा।

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