फतेहपुर। गोवंश की सेहत की खैरख्वाह गौशाला, बेजुबान मवेशियों की जान की दुश्मन बन गई हैं तो प्रबंधन में बरती जा रही लापरवाही किसानों को रतजगा को मजबूर कर रही है। शुक्रवार की रात की फतेहनगर, करसूमा की नंदी गौशाला में एक साथ तमाम मवेशी, असमय मौत की आगोश में जा समाए। गौशाला की अव्यवस्थाओं का मामला शनिवार उजागर होने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासनिक पड़ताल में कई बेजुबान मौके पर बेदम नजर आए। जेसीबी के जरिए मवेशी दफनाए जाने की भी बात सरेआम हुई।
यह गौशाला बहुआ ब्लॉक में स्थित है। मौजूदा वक्त यहां पर एक सैकड़ा बेजुबानों को जिस तरह का प्रश्चय दिया जा रहा है। उससे न केवल मवेशी दम तोड़ते दिख रहे हैं बल्कि गौशाला से मवेशी छोड़ दिए जाने की वजह से अन्नदाताओ की नींद उड़ रही है। हालात यह है कि कमजोर हो चुके जानवरों को गौशाला प्रबंधन बाहर का रास्ता दिखा रहा है जिससे मवेशियों का झुंड फसलों को चट कर रहा है। ऐसे में किसान परिवार के सदस्य शिफ्ट वार अपने अपने खेतों की रखवाली को मजबूर हैं। 24 घंटे पहले नंदी गौशाला से जो तस्वीर सामने आई। वह प्रशासनिक कवायद पर सवाल खड़े करती रही। प्रशासनिक मशीनरी की मौजूदगी के बीच ग्रामीण अपना विरोध दर्ज कराने को गौशाला के गेट के बाहर जमा हो गए। आरोप लगाया कि चारा पानी के अभाव में मवेशी दम तोड़ रहे हैं। गौशाला में मवेशी नहीं लिए जा रहे हैं। जो लिए भी जाते हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
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बीडीओ के खिलाफ उतरे बजरंगी

फतेहपुर। नंदी गौशाला में बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत की जानकारी पाकर बजरंग दल कार्यकर्ता मौके पर जा पहुंचे। गौशाला की अव्यवस्थाओं पर निशाना साधते हुए बेजुबान ओं की मौत का कसूरवार बीडीओ को मानते हुए एफ आई आर दर्ज करने की एफआईआर दर्श करने की मांग की। बजरंग दल कार्यकर्ता अन्नू पाल व श्याम मोहन तिवारी ने गोवंश की मौत पर अकेले प्रधान व सचिव के खिलाफ कार्रवाई की बात को नाकाफी करार दिया।

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