खागा/फतेहपुर। क्षेत्र की चिकित्सीय सेवाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना संजीदा है इसका एक दृश्य ऐरायां ब्लांक के मोहम्मदपुर गौंती में स्थित राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल पर दिखाई पड़ा। अस्पताल में तैनात कोई भी डाक्टर पूरा दिन गुजर जाने तक नही दिखाई पड़े और न ही अस्पताल के गेट पर पड़ा ताला खोला गया। गौंती गांव में स्थित राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल में उपचार कराने पहुंचे मरीज बिना उपचार के ही वापस लौट गए। अस्पताल के मुख्य द्धार पर ताला पड़ा रहा। भले ही होम्योपैथी चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, लेकिन व्यवस्था की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्रों में होम्योपैथिक सेवाएं नसीब नही हो पा रही हैं। ग्रामीणों ने बताया हालत ये है कि यहां तैनात डाक्टर अक्सर नदारद रहते हैं। अस्पताल में तैनात डाक्टर मनमाने ढंग से व्यवस्थाओं को संचालित कर रहे हैं। जिससे ग्रामीणों को यहां समुचित इलाज नही मिल पा रहा है। ऐसी विषम परिस्थितियों में लोगों को इलाज हेतु दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्रों तक भागना पड़ता है। जबकि यही हाल खागा स्थित राजकीय होम्योपैथिक का है। जहां पर आउटसोर्सिंग संविदा पद पर तैनात वार्ड ब्वॉय के सहारे संचालित किया जा रहा है। जो मरीजों को दवा देने का भी काम करता है। राजकीय होम्योपैथिक मोहम्मदपुर गौंती में तैनात डाक्टर सभाजीत का फोन बंद होने की वजह से बात नही हो पाई। जिसके बाद विभाग के डीएचओ अमरीश चंद्रा से वार्ता के क्रम मे बताया गया कि रिपोर्ट तो रोजाना की मिलती है अगर अस्पताल में ताला बंद रहता है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट – रणवेन्द्र प्रताप हेगड़े