- अब प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को आयुष्मान भवः अभियान के तहत आयुष्मान मेले में भी होगी टीबी जांच
- जिले के 238 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात हैं कुशल और प्रशिक्षित सीएचओ
फतेहपुर। टीबी उन्मूलन में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) अहम भूमिका निभा रहे हैं । इन पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के सहयोग से घर के नजदीक टीबी की जांच कराई जा सकती है। वहीं से सम्पूर्ण इलाज भी संभव है। जिले के 238 एचडब्ल्यूसी पर तैनात कुशल और प्रशिक्षित सीएचओ के स्तर पर बलगम कलेक्शन कर जांच और टीबी की पुष्टि होने पर इलाज की सुविधा भी उपलब्ध है। यह सुविधा अब प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को एचडब्ल्यूसी पर आयोजित आयुष्मान मेले में भी दी जाएगी। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ निशात सहाबुददीन ने दी ।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अब आयुष्मान भवः अभियान के तहत भी टीबी जांच में सीएचओ की भूमिका बढ़ा दी गयी है । माह के प्रत्येक दूसरे शनिवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयुष्मान मेला लगेगा जिसमें टीबी के संभावित मरीजों की भी स्क्रिनिंग कर उनकी जांच कराई जाएगी। अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी, शाम को पसीने के साथ बुखार, बलगम में खून आने की समस्या, सीने में दर्द, भूख न लगना, तेजी से वजन गिरने जैसे लक्षण हैं तो उसे टीबी की जांच अवश्य करवानी चाहिए। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर न सिर्फ इलाज किया जाता है बल्कि पोषण युक्त खानपान के लिए मरीज के खाते में इलाज चलने तक 500 रुपये प्रति माह भी दिये जाते हैं।
खजुहा ब्लाक के गढीजार के 50 वर्षीय अशोक कुमार काल्पनिक नाम के टीबी की पहचान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कसियापुर की सीएचओ प्रियंका ने इसी साल जून माह में की। सीएचओ प्रियंका ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिये जब क्षेत्र में भ्रमण कर रही थी तो आशा रेनू मुझे सुन्दरलाल के घर ले गई और मरीज से मिलाया। मैने देखा कि मरीज चारपाई में लेटे कराह रहा था और उसकी पत्नी बैठी थी। मरीज की पत्नी ने बताया कि करीब एक साल से खांसी, बुखार और बलगम की समस्या रहती है। ऐसे ही मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा लेते हैं लेकिन कोई खास आराम नहीं मिला। मरीज में टीबी के लक्षण दिखने पर तत्काल उसकी जांच कराई और बलगम का सैंपल बिंदकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवा कर टीबी की जांच कराई। जांच में टीबी की पुष्टि हुई उनके आधार कार्ड और पासबुक की फोटोकापी जमा करा ली गई। मरीज को न सिर्फ सेंटर से दवा मिल रही है बल्कि पांच सौ रूपये प्रतिमाह खाते में आ रहे है। डाक्टर की सलाह पर वह इन पैसे से दूध दही पनीर आदि पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहा है और उनकी तबियत में काफी सुधार है।
’अभियान में मिले थे नये रोगी’