कागजों पर फर्जी लग रहे मजदूर
मनरेगा अधिनियम में नहीं है ठेकेदारी का नियम फिर भी जिम्मेदारों व राजनीतिक आकाओं के संरक्षण में हो रही जमकर ठेकेदारी
बलवान सिंह
बाराबंकी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां भ्रष्टाचार मुक्त का दावा कर रही है तो वहीं रामनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत गर्री में इन दिनों भ्रष्टाचार मुक्त के सरकारी दावे सब हवा हवाई साबित हो रहे हैं। भारत सरकार द्वारा चलाई गई मनरेगा योजना भले ही मजदूरों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई हो किंतु आज के दौर में रामनगर विकासखंड के अंतर्गत मनरेगा सेल में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए मनरेगा योजना दुधारू गाय साबित हो रही है ।जी हां बताते चलें कि मामला ग्राम पंचायत गर्री विकासखंड रामनगर का है जहां पर मनरेगा के तहत चंदीपुर से कडाकापुर रोड व कडाकापुर रोड से बढैयापुरवा वाली सड़क की पटरी सफाई कार्य कराया जाना था। विगत आठ दिनों से उस सड़क पर एक भी मजदूर द्वारा कार्य नहीं किया गया फिर भी मनरेगा सेल में ठेकेदार द्वारा सेटिंग गेटिंग करके मस्टर रोल बराबर भरकर मजदूरों की संख्या कागज पर चलती रही। हद तो तब हो गई जब तकनीकी सहायक ने बगैर स्थलीय निरीक्षण किये ही एम.बी. पास कर दिया,और भुगतान हेतु फीडिंग कर दिया गया ।और पुन: मजदूरों का मस्टर रोल चालू कर दिया ।धरातल पर पटरी सफाई का कार्य हो या ना हो लेकिन कागज पर जरूर पटरी सफाई का कार्य करके सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है । इधर चार दिन से लगातार पत्रकार द्वारा स्थलीय निरीक्षण के दौरान सड़क पर कोई मजदूर नहीं लगे मिले । नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि विगत दिनों हुई अतिवृष्टि की शुरुआत से ही सड़क पर एक भी मजदूर द्वारा कार्य नहीं किया गया, जबकि कागजों पर फर्जी मजदूरों की संख्या दिखाकर सरकारी धन का फर्जी तरीके से आहरण किए जाने की योजना बनाई जा रही है । मनरेगा सेल में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते सेटिंग कर के कागजों पर ही मजदूरों को लगाकर सड़क की सफाई कराई जा रही है ।
क्या कहा तकनीकी सहायक ने इस संबंध में जब संवाददाता ने संबंधित पंचायत के तकनीकी सहायक बराती लाल से बात की तो उन्होंने कहा कि अब क्या किया जाय जब ….! जिससे दबाव होना प्रतीत हो रहा है ।
मनरेगा सेल में बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर गोविंद से जब हमारे संवाददाता ने फोन पर बात की तो उन्होंने फोन काट दिया।इतना ही नहीं जवाबदारी से बचने के लिए नंबर ही ब्लैकलिस्ट कर दिया।
क्या कहा एपीओ ने मनरेगा एपीओ दीप्ति चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने मामले को दिखवा लेने की बात कही।
क्या कहा खंड विकास अधिकारी ने खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी से बात की गई तो बताया कि यदि जांच कराई जायेगी संलिप्त लोगों पर कार्रवाई होगी ।
सवाल बड़ा: विगत दिनों हुई अतिवृष्टि व जल भराव में मजदूरों ने कैसे किया कार्य? आखिर ब्लॉक के मनरेगा सेल में बैठे हुए लोग जवाब देने से क्यों बच रहे हैं?