ईमानदार पुलिस अधीक्षक की खाकी पर बदनुमा दाग लगा रहा है एक भ्रष्ट यातायात पुलिसकर्मी

सपा मानसिकता से ग्रसित एक यातायात पुलिस कर्मी योगी बाबा की जनता को प्रताड़ित कर उनकी छवि को कर रहा है धूमिल

फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को चेतावनी देते चले आ रहे हैं कि यदि किसी भी विभाग में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर गंभीर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री की चेतावनी का असर भले ही समूचे प्रदेश के अधिकारी व कर्मचारियों पर होता नजर आ रहा हो किंतु इस जनपद में सपा मानसिकता से ग्रसित एक यातायात पुलिस कर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर मुख्यमंत्री की चेतावनी के खौफ से बेखौफ होता नजर आ रहा है जबकि जनपद के ईमानदार पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह ने सभी पुलिस कर्मियों पर अपनी पैनी नजर टिकाने के अलावा लगातार चेतावनी भी देते चले आ रहे हैं कि यदि कोई भी पुलिस कर्मी भ्रष्टाचार में लिफ्त पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशो का पालन किया जाएगा। मालूम रहे कि शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ज्वालागंज चौराहा के समीप दिन 9 सितंबर 2023 को दोपहर में लगभग 12:30 बजे दो पहिया वाहन में सवार राहुल गुप्ता निवासी हरिहरगंज को चेकिंग के दौरान रोका गया और वाहन की चाभी निकाल ली गई जब युवक ने इस बात का विरोध किया तो सपा मानसिकता से ग्रसित यातायात पुलिस कर्मी रामानंद यादव उपरोक्त वाहन चालक से गाली गलौज करने लगा जिस पर वाहन चालक से यातायात पुलिस कर्मी रामानंद यादव से कहा सुनी हो गई। इसके बाद यातायात पुलिस कर्मी द्वारा वाहन के कागज देखे गए जो कि पूरी तरह से कंप्लीट थे किंतु वाहन चालक ने हेलमेट नहीं पहन रखा था। हुई कहा सुनी की खुन्नस के चलते यातायात पुलिस कर्मी रामानंद यादव द्वारा वाहन चालक को परेशान करने हेतु तरह-तरह के सवाल पूछे जा रहे थे जब कि वहां किसी के निजी जिंदगी से संबंधित किसी भी तरह के सवाल का कोई मतलब नहीं था इसलिए वाहन चालक ने फिर इस बात का विरोध किया और कहा कि हेलमेट नहीं पहना है तो हेलमेट का चालान करो और जाने दो किंतु सपा मानसिकता से ग्रसित यातायात पुलिस कर्मी रामानंद यादव को तो योगी सरकार की जनता को परेशान करने के अलावा चालान के नाम पर आम जनता से अवैध उगाही करने का काम किया जाता है और शायद यह काम अपनी जेब भरने के अलावा योगी सरकार को बदनाम करने के लिए भी किया जाता है जिससे आम जनता योगी सरकार में पूरी तरह से प्रताड़ित हो जाए। जहां जनता योगी सरकार को अपनी सुरक्षा और बेहतर व्यवस्था हेतु पसंद कर रही है वहीं सपा मानसिकता से ग्रसित रामानंद यादव जैसे कई सरकारी कर्मचारियो द्वारा आम जनता को प्रताड़ित किया जाता है जबकि जनपद के यातायात प्रभारी से लेकर ईमानदार पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह द्वारा पीड़ित आम जनता की सुरक्षा के अलावा उनकी समस्याओं का समाधान तत्काल किया जाता है इसके बावजूद रामानंद यादव जैसे कुछ यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा आम जनता को प्रताड़ित किया जाता है ताकि योगी सरकार की बेहतर छवि पर बुरा असर पड़ सके। हैरत की बात तो यह है कि यातायात पुलिस कर्मी के पूछने पर वाहन चालक राहुल गुप्ता ने यह भी बताया कि यह वाहन मेरे मित्र आलोक रंजन का है। वाहन चालक ने हेलमेट नहीं पहन रखा था जिस पर वाहन चालक ने चालान कर वाहन को छोड़ने की बात कही और वाहन की चाभी मांगी किंतु यह कैसे संभव था जब रामानंद यादव पूरी तरह से एक भ्रष्ट यातायात पुलिस कर्मी है जिसकी चर्चा आम जनता में कई दिनों से बेशुमार है। यातायात पुलिस कर्मी रामानंद यादव की रिश्वत लेने की बीमारी के चलते जब वाहन चालक ने कई वाहन स्वामियों से चालान के नाम पर अवैध वसूली करते देखा तो उपरोक्त यातायात पुलिस कर्मी की चालान के नाम पर रिश्वत लेने की मनसा समझ में आई तब वाहन चालक ने एक बार फिर यातायात पुलिस कर्मी से चालान करने को कहकर घर जाने की बात कही। किंतु वाहन चालक से हुई बहसबाजी व रिश्वत की रकम न मिलने की खुन्नस के चलते यातायात पुलिस कर्मी रामानंद यादव ने हेलमेट का 1000 रुपए के चालान के अलावा नंबर प्लेट का भी 5000 रुपए का चालान कर दिया जबकि वाहन के नंबर प्लेट को देख कर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाहन चालक द्वारा अपने अधिकारों की बात करने को लेकर हुई बहस बाजी के चलते खुन्नस में 6000 रुपए का चालान कर दिया गया। गौरतलब बात तो यह है कि ऐसे भ्रष्ट यातायात पुलिस कर्मियों को आम जनता के बीच बिना किसी कार्यवाही के छोड़ देना आम जनता की परेशानियों का कारण बनता जा रहा है जिस पर उपरोक्त यातायात पुलिस कर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के अलावा सपा मानसिकता से ग्रसित रामानंद यादव द्वारा प्रदेश के योगी सरकार की जनता को प्रताड़ित कर रहा है जिससे भाजपा सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। इतना ही नहीं जनपद के ईमानदार पुलिस अधीक्षक की खाकी पर भी बदनुमा दाग लग रहा है। गौरतलब बात तो यह है कि वाहन चालक के हेलमेट का चालान कर वाहन चालक राहुल गुप्ता को अपना वाहन लेकर क्यों नहीं जाने दिया गया और बिना कारण ही वाहन की नंबर प्लेट का अवैध रूप से ₹5000 का चलन भी कर दिया गया। इससे तो यह साफ जाहिर होता है कि वाहन चालक से चालान के नाम पर रिश्वत लेने की मंशा थी जो उपरोक्त यातायात पुलिस कर्मी को वाहन चालक से ना मिल सकी। वहीं वाहन चालक राहुल गुप्ता ने बताया कि और भी कई वाहन चालकों द्वारा 100% का चालान करने की बजाए उनसे चालान की रकम का 50 से 60% की अवैध उगाही की गई है। ऐसे भ्रष्ट यातायात पुलिस कर्मी पर यदि पुलिस अधीक्षक का चाबुक नहीं चला तो आम जनता की नजरों में योगी सरकार के अलावा समूचे पुलिस विभाग की छवि भी पूरी तरह से धूमिल हो सकती हैं। वाहन चालक ने कहा कि वह सोमवार को पुलिस अधीक्षक को मौखिक व लिखित रूप से अपनी आप बीती बताते हुए शिकायत करेगा इसके अलावा वह मुख्यमंत्री योगी से भी इस बात की शिकायत करेगा जिसके चलते रामानंद यादव जैसे भ्रष्ट व सपा मानसिकता से ग्रसित यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा आम जनता प्रताड़ित न किया जा सके।

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