फतेहपुर शिक्षक अपनी मांगों यथा पुरानी पेंशन की बहाली वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन, तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण. निशुल्क चिकित्सा सुविधा आदि को लेकर विगत कई वर्षों से आंदोलित हैं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में अपनी मांगों के समर्थन में अनेक बार धरना प्रदर्शन के साथ-साथ ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगे आपको प्रेषित कर चुके हैं, किंतु उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मांगों के निराकरण के संबंध में कोई कार्यवाही ना किए जाने से प्रदेश का शिक्षक समुदाय अत्यंत क्षुब्ध एवं आहत है। शिक्षक नहर कालोनी से जिलाधिकारी कार्यालय तक शांतिपूर्ण मोटर साईकल रैली निकाल कर अपनी मांगे दोहराते हुए यह ज्ञापन आपको प्रेषित कर रहे हैं।अतः मांग पत्र संलग्न करते हुए आपने अनुरोध है कि मांगों के निराकरण हेतु प्रभावी कार्यवाही करने की कृपा करें। संलग्नक 16 सूत्रीय मांग पत्र । मांग पत्र 1. शिक्षक समुदाय का निश्चित मत है कि एनपीएस अर्थात नई पेंशन योजना शिक्षक की वृद्धा पेशन में इसी जीवन स्तर के साथ जीवन यापन करने योग्य नहीं है। जिस जीवन स्तर पर शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहा है। पुरानी पेंशन की व्यवस्था का समुचित जीवन स्तर बनाए रखने का माध्यम है। हमारी मांग है कि वही पुरानी पुरानी पेंशन सरकार बहाल करें। 2. वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर वेतन एवं सेवा शर्तें लागू की जाएं।3. राजकीय शिक्षकों/कर्मचारियों की भांति सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी निःशुल्क चिकित्सा सुविधा अनुमन्य की जाए। 4. विनियमितीकरण से वंचित तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करते हुए उन्हें नियमित वेतन भुगतान किया जाए। 5. एनपीएस से आच्छादित ऐसे शिक्षक एवं कर्मचारी पूर्व राष्ट्रनिर्माता के दायित्व का निर्वहन करते हुए सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके सेवानिवृत्तक किसी भी देयक का अद्यतन भुगतान नहीं किया गया है उनके सेवानिवृत्तक लाभों का भुगतान अविलंब किया जाए। 6. एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन से की गई कटौती एवं राज्य सरकार द्वारा दिए गए अंशदान के रखरखाव की कोई व्यवस्था व्यावहारिक रूप नहीं ले सकी है। इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने हेतु कटौती की गई धनराशि सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रान नंबर पर प्रदर्शित की जाए तथा सभी के पासबुक में उपरोक्त कटौती अंकित की जाए।7. बोर्ड परीक्षाओं की पारिश्रमिक दरें सीबीएसई के सामान की जाए। 8. बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित कई वर्षों से पारिश्रमिक के अवशेष का भुगतान न होना आश्चर्यजनक है। संगठन का निश्चित मत है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के पास लंबित अवशेषों के भुगतान हेतु धनराशि उपलब्ध है। 9. संगठन की मांग है कि वर्ष दो हजार 2018-19 से मूल्यांकन की धनराशि तत्काल सभी जनपदों को हटाने हेतु उपलब्ध कराई जाए। वेतन अवशेष, महंगाई भत्ता चयन/प्रोत वेतनमान पदोप्रति आदि अवशेष का भुगतान 10. विद्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर तथा व्यावसायिक शिक्षक पूर्णकालिक शिक्षक के रूप में शिक्षण कार्य कर तथा उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत के आधार पर वेतन अनुमन्य किया जाए। 11. शिक्षकों के स्थानांतरण नीति में आवश्यक संशोधन कर ऐसी स्थिति सुनिश्चित की जाए कि शिक्षक अपनी सुविधा अनुरूप स्थान पर स्थानांतरण प्राप्त कर सके।12. सामूहिक बीमा जो 2014 से बंद कर दिया गया है उसे पुनः लागू किया जाए। 13. ऐसे शिक्षक जो 22 मार्च 2016 की अधिनियमित व्यवस्था के अंतर्गत विनियमित हुए हैं उन्हें नियुक्ति के दिनांक से पुरानी पेंशन अनुमन्य की जाए। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच न्यायालय ने भी कई प्रकरणों पर पूर्व की सेवा जोड़कर पेंशन स्वीकृत करने का निर्देश जारी किया है।14. ऐसे शिक्षक जिनका चयन 01 अप्रैल 2005 से पूर्व हो चुका था, किंतु प्रशासनिक एवं प्रबंध की उदासीनता के कारण कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके उन्हें केंद्र सरकार की भांति पुरानी पेंशन से आच्छादित करने के लिए आदेश निर्गत किए जाएं। -15. विषय विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त तथा शिक्षक पदों पर आमेलित शिक्षकों हेतु उनकी सेवा के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत निर्गत किए जाएं तथा विषय विशेषज्ञों के रूप में की गई उनकीसेवा को पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा स्वीकार किया जाए।16. सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए।