-चिकित्सक बाहर की दवाएं खरीदने को करते मजबूर
बिन्दकी (फतेहपुर) 17 जून। ग्रामीण व कस्बे के सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था हावी है, धरती का भगवान कहे जाने वाले डाक्टर मरीज व उनके तीमारदारों से अभद्र भाषा का प्रयोग कर बाहर की दवाएं खरीदने को मजबूर कर रहे है। जिसकी शिकायत पीड़ित ने प्रदेश के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री सहित आलाधिकारियों से की है।
मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिन्दकी का है। 15 जून को कस्बा के मुगलाही निवासी हयातउल्ला नजमी अपनी दुधमुंही बेटी को परिजनों के साथ इलाज के लिए लेकर अस्पताल पहुंचे थे वहां तैनात डा० कलीम, चाइल्ड स्पेश्लिस्ट बीमार को पहले के इलाज के बारे में पूंछा कहा और “किस डाक्टर के यहां इलाज करा रहे थे फतेहपुर के एक निजी डाक्टर का नाम सुनते भड़क गए। और डाक्टर कलीम ने अभद्रतापूर्वक व्यवहार करते हुए तीमारदार से कहा कि पढ़े-लिखे नहीं हो क्या, वहां कहां पहुंच गये वह तो लुटेरा है और उल्टा सीधा इलाज करता है, तुम लोगों के समझ में नहीं आता है क्या? पैसा लुटाने चले जाते हो। इसके अलावा भी तमाम गुरूर और घमण्ड भरी बातें कही गई। बीमार के परिजन डाक्टर की अभद्र भाषा को सुनते रहे। इतना ही नहीं ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले चिकित्सक कलीम ने सरकारी पर्चे में अस्पताल की दवाएं नहीं लिख कर एक पर्ची में बाहर की दवाएं लिखकर लाने को मजबूर किया गया। इस डाक्टर की अभद्रता का शिकार आए दिन लोग हो रहे है। मरीज के तीमारदार ने इसकी शिकायत डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक सहित जिलाधिकारी, सीएमओ आदि से की है।