सदस्यों ने मिलकर प्रशिक्षण के दौरान अपने गांव के स्वास्थ्य, शिक्षा अथवा जड़त्वीय सुविधाओं पर किया मंथन।

आर्थिक अनुसंधान केंद्र संस्था के द्वारा फतेहपुर जिले के हसवा एवम तेलियानी ब्लॉक के दस गांव के पंचायती राज संस्थान के सदस्यों की प्रशिक्षण कराई गई। प्रशिक्षण में सभी सदस्यों को समिति निर्माण का उद्देश्य तथा प्रत्येक समिति के सदस्यों को उनके कर्तव्यों के बारे में बताया गया।पंचायती राज संस्थान भारत में ग्रामीण स्थानीय शासन की एक प्रणाली है, जिससे लोगो द्वारा निर्वाचित निकायों द्वारा स्थानीय मामलो का प्रबंधन किया जाता है। गांव में स्वास्थ, स्वच्छता, पोषण अथवा शिक्षा बेहतर हो सके, यही इस समिति का उद्देश्य है, इसी पर इनका गहन प्रशिक्षण किया गया।
सभी गांव में इन समितियों का निर्माण किया गया है। परंतु बहुत सारे गांव में यह समिति सक्रिय नही है, समिति की प्रत्येक माह में होने वाली बैठक नियमित नही होती और न ही लोग बैठक को गंभीरता से लेते है। जिससे यह समिति ग्राम पंचायत विकास योजना में अपने गांव के विकास की योजना सक्रियता से सांझा नही कर पा रहे।
आर्थिक अनुसंधान केंद्र द्वारा इन दस गांव में प्रशिक्षण कर समिति को नियमित बैठक करना व गांव के विकास हेतु सभी समितियां जिनमे ग्राम स्वास्थ्य व पोषण समिति अथवा विद्यालय प्रबंधन समिति आदि के सदस्यों संग बैठक कर उनकी समस्याओं के निवारण हेतु सारे बिंदुओं को जीपीडीपी में शामिल करना ही इनका मुख्य कार्य है, यह बात उनको विस्तार पूर्वक समझाई गई।
आशा है प्रशिक्षण के बाद पंचायती राज संस्थान के सदस्य संबंधित समूह के साथ मिलकर गांव विकास हेतु सक्रियता से कार्य करेंगे। जिसके लिए आगे भी आर्थिक अनुसंधान केंद्र कार्यरत रहेगी। यह प्रशिक्षण दस गांव में किया गया जिनमे कांधी, कोराई, मेवलीबुजुर्ग, हसनापुरसानी, सखियांव, मलाव, नौबस्ता, हसवा, बिलंदपुर, सनगांव में की गई। प्रशिक्षणकर्ता में प्रिया, प्रकाश, अनिता वर्मा अथवा दीपक सिंह द्वारा प्रशिक्षित किया गया। ग्राम प्रधान अथवा पंचायत मित्र ने इस प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाई अथवा उनका इस समिति के प्रति नेतृत्व दिखा।

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