फतेहपुर जिले में आज भी जिंदा है इंसानियत, जी हाँ समाज में कुछ ऐसे अच्छे लोग भी है जिनके दम पर इंसानियत आज भी ज़िंदा है। जो जात पात दीन धर्म के साथ साथ इंसानियत को भी अपना परमधर्म समझते है। उनका कहना है तुम ज़हर घोलते रहो हम अमृत पिलाते रहेंगे। एक ओर जहां लोग अपने फायदे के लिए समाज मे ज़हर घोलने से बाज नही आ रहे है। तो वही दूसरी तरफ ऐसे लोग भी है! जो अमृत पिला कर दूषित हुए समाज को स्वक्ष करने में लागे हुए है। इसकी मिसाल आज जिला अस्पताल में देखने को मिली जहाँ एक मुस्लिम समाज के गम्भीर रूप से घायल बृद्ध का इलाज कराने आये हिन्दू धर्म के ब्राह्मण को देखा गया! तो एकबारगी मुँह से निकल पड़ा आज भी ज़िंदा है इंसानियत।
ऐसा ही एक मामला फतेहपुर जिले के मलवांं थाना क्षेत्र के भदबा गांव का है। जहाँ 63 वर्षीय बृद्ध रज्जब अली पुत्र स्वर्गीय आमिर अली रोज़ की भांति आज भी अपनी भैस को घर के बाहर बांध रहा था। उसी समय भैस अचानक बिदक कर भाग खड़ी हुई। भैस के भागते समय उसकी रस्सी बृद्ध रज्जब अली के पैर में फस गई। और भैंस रस्सी में फसे रज्जब अली को काफी दूर तक घसीटते हुए लेकर चली गई। जिससे रज्जब अली गम्भीर रूप से घायल हो गया। पड़ोसी ग्रामीण ने घायल अवस्था मे रज्जब अली को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया है। वही घायल को लेकर जिला अस्पताल आये पड़ोसी राम प्रकाश शुक्ला ने बताया घायल का कोई भी परिजन नही है हम ही इसके परिजन है। आज इसकी भैस की रस्सी इसके पैर में फस गयी और भैंस इसको लगभग एक किलो मीटर तक घसीटते हुए लेकर चली गई। जिससे हमारा पड़ोसी रज्जब अली गम्भीर रूप से घायल हो गया। पड़ोसी होने के नाते यह भी हमारे परिजन के समान है इसी लिए हम इसको इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आये है। और जो भी इसके इलाज में खर्च आएगा लगाएंगे।
वही जिला अस्पताल में घायल का इलाज कर रहे डॉक्टर डी.के.वर्मा ने बतायाकि रज्जब अली एक घायल अवस्था में मरीज़ आया है । उसके साथ आये लोगो ने बताया है उसको जानवर काफी दूर तक घसीटते हुए ले गया है। जिससे वह घायल हो गया है उसको भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा है।