छिवलहा राजकीय माध्यमिक विद्यालय अकबरपुर चोराई के प्रधानाचार्य प्रमोद द्विवेदी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से आज हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर शिक्षा के क्षेत्र में देश को सशक्त बनाना होगा।डॉ. राजेंद्र प्रसाद को आने वाली पीढियां एक अच्छे शिक्षाविद के रूप में हमेशा याद रखेंगी। आज डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद प्रधानाचार्य प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि डॉ राजेंद्र प्रसाद धर्म,वेदांत, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा,इतिहास, राजनीति पर अपने विचार व्यक्त करते थे। अपनी स्वाभाविक सरलता के कारण वे अपने ज्ञान वैभव का प्रभाव कभी प्रतिष्ठित नहीं करते थे। देश की आजादी में नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल में रहे। आज़ादी के बाद 26 जनवरी 1950 को वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने। वे एकमात्र राष्ट्रपति थे जिन्होंने लगातार दो बार राष्ट्रपति पद प्राप्त किया। उनके राजनैतिक और सामाजिक योगदान के लिए उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
आज के कार्यक्रम में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस जी की जयंती पर उन्हें भी याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मेजर ध्यानचंद एवं परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक एलबर्ट एक्का की पुण्यतिथि पर नमन किया गया। शिक्षक अवध किशोर, मनीष सिंह, आवास कुमार ने भी अपने विचार रखे।