फतेहपुर/खागा तहसील के हरदो में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खागा के कर्मचारी अभद्रता के कारण सुर्खियों में बने रहते है। डॉक्टर पेशेंट का इलाज करते तो हैं लेकिन दवाओं का हमेशा टोटा बना रहता है एक दवा अस्पताल से तो दो दवाएं बाहर से लेना पड़ता है।एक तरफ जहां गवर्नमेंट जनता की स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओ के लिए समय समय पर नई गाइडलाइन जारी करती रहती है ।लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी काम नही करना चाहते है बैठे बैठे वेतन उठाना चाहते है जहा जनता गांव से ईलाज करवाने के लिए अस्पताल आती है लेकिन दवाएं बाहर से ही लेनी पड़ती है।कर्मचारी पेशेंट से अभद्रता से बात करते हैं और ऊपर से धमकियां भी दे देते हैं।चिकित्सा अधीक्षक अपने चेंबर में बहुत ही कम मिलते है जिससे शिकायत का निवारण नहीं हो पाता है।अस्पताल प्रातःखुलने का समय 10:00 बजे है लेकिन अधिकांश कर्मचारी 11:00 बजे तक आते हैं।चीफ फार्मेसिस्ट से मेडिसिन के बारे में पूछा जाता है तो सीधी तरह से बताया ही नही जाता ।बताते है कि मुझे नही मालूम दवा कब तक आयेगी।जब मेडिसिन का मुखिया ही ऐसी बात बोलेगा तो सही बात कौन बताएगा दवाएं आती तो हैं तो जाती कहां है जनता को मिलती क्यों नही है ? मेडिकल स्टोरों में मिल जाती है।ये कैसा खेल है जिसमे अधिकारी अपनी आंखे बंद किए हुए है।आम जनता शिकायत करें तो किससे करें?कोई सुनने वाला नहीं।