फतेहपुर जिले के विकास खंड हसवा कस्बे में मोहर्रम की 3 तारीख की शुरूवात तेज उमस और गर्मी होने के बावजूद गम के माहौल के साथ हुई। सुबह की पहली मजलिस को मौलाना अली अब्बास हसनी ने खिताब किया !और दूसरी मजलिस को मौलाना हुसैन रिज़वी ने संबोधित किया।
इस तरह दिन भर मजलिसों का सिलसिला चलता रहा।
तीन तारीख की रात की हाता की मजलिस को मौलाना शाहकार और इमामबाड़ा की मजलिस को मौलाना दानिश ने संबोधित किया।
आज की मजलिस को संबोधित करते हुए, मौलाना हुसैन रिज़वी ने कहा कि इमाम हुसैन ने अपनी कुर्बानी दे कर पूरी मानवता की रक्षा किया । उन्होंने कहा कि यज़ीद इस संसार का पहला आतंकवादी था जिसने मुसलमानो के पैगम्बर के पूरे परिवार को शहीद किया।
इसी तर्ज पर पहली मजलिस को संबोधित करते हुए। मौलाना अली अब्बास हसनी ने कहा कि इस दुनिया में यज़ीद के मानने वाले अभी भी मौजूद है! जो कि इस समाज के लिए खतरा है। आज की चौथी मजलिस को मौलाना अली असग़र मशहदी ने संबोधि किया। मौलाना मशादी ने कहा कि कर्बला के बाद कोई दूसरा यज़ीद अपना सर नही उठा सका।
कस्बे में मोहर्रम तकरीबन 200 वर्षों से मनाया जा रहा है! जिसमें हर वर्ष पूरे भारत और दूसरे मुल्क से लोग आते है। मोहर्रम में कई बड़े मौलाना दिन भर मजलिसों को संबोधित करते है। इन मजलिसों में लोग बड़ी संख्या में शिरकत करते है।

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