बस्ती। वाल्टरगंज गोविंद नगर कस्बे के मकान दुकान बचाओ बैनर तले अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण धरना का आयोजन आज से प्रधान प्रतिनिधि अमरनाथ चौधरी एवं यशवंत सिंह रोलू के नेतृत्व किया गया। बाजार के सभी व्यापारी अपनी दुकानों को बंद कर अपना समर्थन दे रहे है।
प्रधान प्रतिनिधि अमरनाथ चौधरी ने कहा कि यह धरना शांतिपूर्ण ढंग से शुरु किया गया है जो भूख हड़ताल एवं आमरण अनसन तक जारी रहेगा। रेलवे प्रशासन एवं राजस्व प्रशासन के उदासीन रवैये से पूरा कस्बा त्रस्त है हमे हर हाल में न्याय संगत कार्यवाही चाहिए। हमारी मुख्य रूप से पांच मागे है। इस धरने जो रेलवे प्रशासन द्वारा मकानों दुकानों को तोड़ने का जो नोटिस चस्पा किया गया है उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। उपरोक्त मामले में जो कागज़ात में त्रुटि है उसको राजस्व अभिलेख में सुधार करके उक्त नम्बरान को सरकारी अभिलेख आबादी के रूप में दर्ज किया जाए।
वर्ष1960 से पहले जो नाली एक मीटर का सरकारी अभिलेख में दर्ज था पुनः उसी तरीके से दर्ज हो। कस्बे का भूमाफिया जिसके वजह से सारा मामला चल रहा उस भूमाफिया का सहयोगी ग्रामसभा श्रीपाल पुर का लेखपाल है। भ्रस्ट लेखपाल को तत्काल प्रभाव से हटाकर उसके ऊपर उचित कार्यवाही की जाए। 2 रेल प्रशासन द्वारा आबंटित दुकानों का किराया जो एकाएक कई गुना बढ़ा दिया गया है उसको वापस लिया जाए।
बताते चले कि जनपद के वाल्टरगंज गोविंद नगर में लगभग 85 दुकान एवं मकान पर रेलवे ने चिन्हित कर निशान लगा दिया यह कहकर कि रेलवे की जमीन है। जिसका ध्वस्तीकरण किया जाना है । इस घटना से परेशान निवासियों ने आज गुरुवार को जिला प्रशासन से कस्बे के लोगो ने फरियाद किया तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह रेलवे का मामला है इसमें हम कुछ नही कर सकते। आख़िरकार थक हार कर कस्वे के लोगो ने आज गुरुवार से रेलवे प्रशासन एवं राजस्व प्रशासन के खिलाफ हम शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठ गए।
करणी सेना के पूर्वांचल अध्यक्ष यशवंत सिंह रोलू ने कहा कि आज पहला दिन था धरना सामान्य तरीके से चला जिसमे कई राजनैतिक दल भी शामिल हुए। कल से हम लोग भूख हड़ताल करंगे यदि हमारी मांगे नही मानी गई। रेलवे प्रशासन का बुलडोजर आता है तो उसे हमारे ऊपर से गुजरना होगा।
उन्होंने कहा कि सबकी दुकाने बंद है महिलाएं भी धरने में शामिल है लेकिन अधिकारी मामले को संज्ञान में नही ले रहे है। ठंड़क का मौसम है यदि किसी के साथ कोई अनहोनी होती है तो प्रशासन जिम्मेदार होगा। धरना प्रदर्शन में क्षेत्र के तमाम महिला और पुरूष शामिल रहे।