फतेहपुर।
टीवी पत्रकार दिलीप सैनी हत्याकाण्ड के दोनों मुख्य आरोपियों सगे भाइयों को मलवां थाना पुलिस व स्वाट टीम ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया।
जिनसे पुलिस पूंछतांछ करने के बाद सुसंगत धाराओ में मुकद्दमा दर्ज कर न्यायालय पेशी के बाद न्याययिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
गिरफ्तार किये गये अभियुक्ततो के पास से पुलिस टीम ने आलाकत्ल चाकू, एक तमंचा मय जिन्दा व खोखा कारतूस एक कार व नगदी भी बरामद किया है। हलांकि पत्रकार की हत्या में नामजद दो व लगभग आधा दर्जन अज्ञात आरोपी अभी भी फरार हैं। जिनकी पुलिस पहचान व गिरफतारी के प्रयास में जुटी हुई है।
स्वाट टीम2 प्रभारी अरुण कुमार चतुर्वेदी व मलवां थानाध्यक्ष अभिलाष तिवारी उपनिरीक्षक हरिश्चंद्र व हमराहियों की टीम के साथ मलवां थाना क्षेत्र के वाहिदापुर मजरे कैंची मोड़ के पास सन्दिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस को एक कार जिंसमे मीडिया सेंटर लिखा हुआ था। सवार दो लोग तेज रफ्तार में आते दिखाई पड़े। पुलिस टीम ने जब उनको रुकने का इशारा किया तो दोनों कार मोड़ कर भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस टीम ने पीछा किया तो कार सवारों ने कार से उतरकर पुलिस टीम को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरू कर दिया। गलीमत रही कि इस दौरान कोई भी पुलिस कर्मी हताहत नहीं हुआ। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग शुरू की गोली एक युवक के पैर में जा धंसी जो की घायल हो गया। पुलिस टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिसिया पूंछतांछ के दौरान दोनों अभियुक्ततो ने अपने नाम अनुराग तिवारी व आलोक तिवारी उर्फ अक्कू पुत्र स्व० बंकिम चन्द्र तिवारी निवासी ग्राम सरसई बड़ी खागा कोतवाली व हाल पता रामगंज पक्का तालाब स्वीकार है।
जिनके पास से पुलिस टीम ने एक मीडिया सेंटर की नेम प्लेट लगी हुई कार एक देशी तमंचा मय जिंदा व खोखा कारतूस एक अदद चाकू व 4200 रुपये की नगदी भी बरामद किया है।
अभियुक्ततो ने पुलिसिया पूंछतांछ के दौरान शहर के सदर कोतवाली क्षेत्र के भिटौरा बाईपास स्थित बिसौली गांव के पास बने उनके निजी यार्ड में बीती 31 की रात को प्रॉपर्टी विवाद के चलते टीवी पत्रकार दिलीप सैनी की चाकू से गोदकर हत्या कर देने व उनके एक दोस्त शाहिद को बीच बचाव के दौरान मारपीट कर गम्भीर रूप से घायल करने के साथ ही घटना वाले दिन ही शहर छोड़ देने की बात स्वीकारी है।
जिन्होंने पूंछतांछ के दौरान इनके द्वारा अंजाम दिए गए टीवी पत्रकार दिलीप सैनी हत्याकांड की पटकथा रचने में शामिल कुछ अन्य सहयोगियों के नाम भी बताए हैं। जिनमे कुछ सत्ताधारी चर्चित भू माफियाओ व अन्य लोगो के नाम भी शामिल हैं। जिनके नाम भी पुलिस मुकद्दमे में शामिल करने की तैयारी में है।
जिनकी भूमिका की जांच पड़ताल में पुलिस जुट गई है।
मुठभेड़ में घायल अभियुक्त को पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। तबियत में सुधार होने के बाद पुलिस ने दोनों को सुसंगत धाराओ में न्यायालय पेशी के बाद न्याययिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। जबकी वारदात में दो नामजद व लगभग आधा दर्जन आरोपी अभी तक फरार हैं। जिनकी पुलिस पहचान व गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किये गए दोनों हत्याभियुक्त सगे भाई थे। जो कि शातिर अपराधी व हिस्ट्रीशीटर हैं। दोनों एक बहुचर्चित सत्ता धारी सफेदपोश के साथ जमीन के कारोबार से जुड़े हुए थे। इसके साथ ही अन्य जुर्म जरायम जुआ, सट्टा का कारोबार भी लम्बे समय से संचालित करते थे।
पुलिस मुठभेड़ की सूचना पाते ही एसपी धवल कुमार जायसवाल एएसपी विजय शंकर मिश्रा सीओ व फोरेंसिक टीम के साथ मुठभेड़ स्थल पर पहुंचे जिन्होंने मुठभेड़ के बावत जायजा लेते हुए फोरेंसिक टीम से साक्ष्य संकलन कराया।
पुलिस मुठभेड़ व गिरफ्तार किये गये अभियुक्ततो के सम्बंध में विस्तृत जानकारी एएसपी विजय शंकर मिश्रा ने जारी की गई वीडियो बाइट के माध्यम से पत्रकारों के साथ साझा की।
दोनों मुख्य आरोपियों की तलाश में पुलिस ने छानी दर दर की खाक
फरार मुख्य हत्यारोपित दोनों सगे भाइयों आलोक उर्फ अक्कू व अनुराग तिवारी ने पत्रकार की हत्या को अंजाम देने के तुरंत बाद ही वारदात वाली रात में ही शहर छोड़ दिया था। जिनकी तलाश में पुलिस की कई अलग अलग टीमो विशेष कर इंटेलीजेंस विंग प्रभारी अरुण चतुर्वेदी ने हमराहियों की संयुक्त टीम के साथ दर दर की खाक छानते हुए जिले के कई सन्दिग्ध ठिकानों समेत अंतर्जनपदीय रायबरेली, बांदा, कानपुर, प्रयागराज ही नहीं वरन महाराष्ट्र तक गई थी। लेकिन दोनों आरोपियों की लगातार बदल रही लोकेशन से पुलिस को सफलता नहीं मिली थी। पुलिस हर जगह से बैरंग ही लौटती रही।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक इस दौरान दोनों हत्यारोपियों ने अपने सेलफोन की बजाय रिश्तेदारों के सेल फोन बदल बदल कर इस्तेमाल किये। जिन्होंने रुकने के लिए किसी भी लोकेशन में किसी होटल में कमरा तक नहीं लिया।
लगातार सफर ही करते रहे।
सोमवार को मुख्य आरोपियों की ओर से एक वकील ने जिला न्यायालय में सरेंडर की अर्जी डाली थी। जिसकी भनक इंटेलिजेंस विंग प्रभारी अरुण चतुर्वेदी को अपने खूफिया सूत्रों के द्वारा लग गई थी।
जिससे वह आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर और भी सक्रिय हो गये थे।
बुधवार को वह मलवां थानाध्यक्ष व हमराहियों की संयुक्त टीम के साथ दोनों की तलाश में सन्दिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रहे थे।
इसी दौरान पुलिस ने दोनों को मुठभेड़ के दौरान दबोच लिया।
मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस खोलेगी हत्या के राज, जमीन के कारोबार से जुड़े कई भू माफिया सत्ता धारी सफेद पोशों की गर्दन में पड़ सकता है कानूनी फंदा
शहर के बहुचर्चित टीवी पत्रकार दिलीप सैनी सनसनीखेज हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपित सगे भाइयों की गिरफ्तारी के पुलिस ने उनसे कई घण्टो तक सख्ती के साथ पूंछतांछ की इस दौरान दोनों ने पुलिस को म्रतक टीवी पत्रकार दिलीप की हत्या को अंजाम देने के कई अहम राज भी बताए हैं। जिन्होंने टीवी पत्रकार दिलीप की हत्या की वारदात को पूरी तरह पूर्व नियोजित करार देते हुए दिलीप की हत्या की पटकथा लिखने वाले कई अन्य लोगो के नाम भी कबूले हैं।
जिनमे जमीनी कारोबार से जुड़े सत्ता पक्ष के कुछ सफेदपोश बहुचर्चित भू माफियाओं सहित म्रतक पत्रकार से गहरे मित्रवत सम्बंध रखने वाले कुछ अन्य लोगो के नाम भी सामिल हैं। जिनकी भूमिका की भी पुलिस गहनता से छानबीन में जुटी हुई है।
जांच पड़ताल व आरोपियों की रिमांड मिलने के बाद जिनकी गर्दने भी कानूनी फंदे में फंसना लगभग लगभग तँय माना जा रहा है।
हलांकि पुलिस ने अभी तक न तो टीवी पत्रकार दिलीप के हत्या के किसी राज का जिक्र किया है। और न ही कोई बड़ी वजह बताई है।
जिससे म्रतक पत्रकार के स्वजनों समेत पत्रकार साथियों व जनसामान्य के लोगो ने पुलिस द्वारा पत्रकार दिलीप की हत्या में सामिल कुछ लोगो का बचाव करने की आशंका जाहिर की है।
जबकी पुलिस ने ऐसी आशंकाओं को पूरी तरह मनगढ़ंत व निराधार करार दिया है।
जिसने सभी हत्यारोपियों समेत वारदात में सामिल अन्य लोगो की भूमिका की जांच पड़ताल करने के बाद सभी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है।
जेल गए मुख्य आरोपियों को रिमांड में लेने के बाद पुलिस कर सकती है हत्या का राजफाश
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हत्याभियुक्त ( मुख्य) आरोपी सगे भाइयों आलोक उर्फ अक्कू व अनुराग को पुलिस रिमांड में लेने के बाद उनसे पूंछतांछ के बाद म्रतक टीवी पत्रकार दिलीप के हत्या का राजफाश कर सकती है।