बस्ती। रूधौली के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने प्रदेश के सिंचाई मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह से मिलकर राप्ती नहर निर्माण मण्डल 2 में आमंत्रित निविदा में किये गये मनमानी एवं भ्रष्टाचार की गठित कमेटी द्वारा जांच और निविदा आमंत्रण पुनः निष्पक्ष रूप प्रकाशित कराये जाने का आग्रह किया। पूर्व विधायक संजय प्रताप ने सिंह को बताया कि बस्ती के ठेकेदारो तथा समाचार पत्र की खबरो के माध्यम से यह जानकारी हुई है।

अधीक्षण अभियंता राप्ती नहर निर्माण मंडल-2 द्वारा आमंत्रित निविदा विभिन्न कार्यों की लगभग 100 करोड़ की निविदाएँ आमंत्रित की गयी थी। इसमे प्रत्येक कार्यों पर लगभग 10-15 ठेकेदारों ने निविदा में प्रतिभाग किया था किन्तु अधीक्षण अभियंता द्वारा मनमानी पूर्ण तरीके से प्रत्येक लाट पर 2 ठेकेदारों की निविदाये पात्र की गयी है। इससे यह प्रतीत होता है की इनके द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करके अपने चहेते ठेकेदारों को निविदा दे दी गयी है, यदि निविदा पारदर्शी ढंग से की जाती तो निविदा की दरें तुलनात्मक रूप से 20 से 25 प्रतिशत कम आती एवं लगभग 20 से 25 करोड़ राजकीय धन का दुरूपयोग होने से रोका जा सकता था।

इनकी कार्य शैली से ठेकेदारों में आक्रोश है। ऐसे में उक्त निविदा के निरस्तीकरण सहित अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की शासन स्तर से कमेटी गठित कर उच्चस्तरीय जांच एवं उनपर कार्यवाही कराया जाय। उन्होने सिंचाई मंत्री से आग्रह किया कि अधीक्षण अभियंता राप्ती नहर निर्माण मंडल-2 द्वारा मनमानी एवं नियम विरूद्ध की गयी आमंत्रित निविदा को निरस्त कर पुनः निष्पक्ष रूप से प्रकाशित कराया जाय और संबंधित अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता की गठित कमेटी द्वारा जांच कराते हुए दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध विधिक एवं दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु संबंधित को निर्देशित किया जाय।

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