भारत की न्याय की देवी की आंखों पर बंधी पट्टी हटा दी गई है। इस कदम से सुप्रीम कोर्ट ने देश को संदेश दिया कि अब ‘ कानून अंधा’ नहीं है। बता दें कि ये सब कवायद सुप्रीम कोर्ट के CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने की थी। ये स्टेच्यू सुप्रीम कोर्ट में जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है। CJI चंद्रचूड़ के निर्देशों पर न्याय की देवी की मूर्ति को नए सिरे से बनवाया गया। सबसे पहले एक बड़ी मूर्ति जजों की लाइब्रेरी में स्थापित की गई। जो पहले न्याय की देवी की मूर्ति होती थी उसमें उनकी दोनों आंखों पर पट्टी बंधी होती थी। नई मूर्ति में न्याय की देवी की आंखें खुली हैं और कोई पट्टी नहीं है। साथ ही एक हाथ में तराजू जबकि दूसरे में सजा देने की प्रतीक तलवार होती थी। हालांकि, अब न्याय की देवी की मूर्ति के हाथों में तलवार की जगह संविधान ने ले ली है। मूर्ति के दूसरे हाथ में तराजू पहले की ही तरह रहेगा ▪️

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