• मनरेगा एक्ट की धज्जियां उड़ाकर ग्राम पंचायतों में सचिव सुधीर सिंह कराता है मनरेगा कार्य
  • दोनों बीडीओं का करीबी बताकर भ्रष्टाचार की घटना को अंजाम दे रहा सचिव सुधीर सिंह
  • दबंगई के बल पर सचिव सुधीर सिंह को मिला है गौर ब्लाक में सबसे अधिक ग्राम पंचायतें

गौर, बस्ती। जिले में ऐसा गौर प्रथम ब्लाक है जहां दो खण्ड विकास अधिकारियों की तैनाती है । एक प्रभारी बीडीओं राजेश कुमार सिंह एवं दूसरा बीडीओं के ० के० सिह है । गौर ब्लाक में दो बीडीओं की तैनाती होने के बाद भी ग्राम पंचायतों में मनरेगा भ्रष्टाचार चरम पर है और दोनों बीडीओं कुंभकर्णी नींद में मस्त हैं । दोनों बीडीओं को यह नही पता है कि ब्लाक और ग्राम पंचायतों में क्या हो रहा है । गौर ब्लाक में तैनात सचिव ब्लाक मुख्यालय पर / ग्राम पंचायत में / घर पर है किसी बीडीओं को पता नहीं है । कुछ ऐसे सचिव है जो ब्लाक मुख्यालय पर बैठकर ही बिना ग्राम पंचायतों में गये ही मनचाहा कमीशन लेकर फाइलों पर हस्ताक्षर कर देते हैं चाहे वह कार्य ग्राम पंचायत में हुआ हो यह न हुआ हो और कहते हैं कि जब कोई जांच होगा तब देखा जायेगा मिट्टी कार्यों की जांच में कोई कार्रवाई नहीं होती है क्योंकि मिट्टी कार्य में कोई कठोर साक्ष्य नहीं रहता है । बरसात में मिट्टी बह जाती है और मिट्टी होने के कारण घास उग जाती है जिससे जांच में स्पष्ट नही हो पाता है कि साइड पर कार्य हुआ है कि नही ।
सूत्रों के माने तो गौर विकासखण्ड में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करने में माहिर सचिव सुधीर सिंह के पास 11 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी है और कुछ सचिवों के पास 03 / 04/ 05 /06 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी है । सचिव सुधीर सिंह के ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की यदि निष्पक्ष जांच हो जाएं तो सचिव सुधीर सिंह के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई होगी कि जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है ।
आपको बता दें कि सचिव सचिव सुधीर सिंह के कारनामों का खुलासा तब हुआ जब मीडिया ने ग्राम पंचायत किशुनपुर में चल रहे मनरेगा कार्य का धरातलीय पड़ताल किया । ग्रामीणों ने कहा कि स्वयं आप देख रहे हैं कि ग्राम पंचायत किशुनपुर में कैसे मनरेगा कार्य हो रहा है । किशुनपुर में 185 मनरेगा मजदूरों के जारी आनलाइन मस्टर रोल पर दो साइडों पर एक भी मनरेगा मजदूर कार्य नही मिले लेकिन सचिव सुधीर सिंह के सह पर रोजगार सेवक राकेश कुमार ने रात में लगभग 07 बजे फर्जी फोटो के सहारे 182 मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगा दिया । आप सोच सकते हैं कि प्रतिदिन ग्राम प्रधान अमीना खातून और सचिव सुधीर सिंह की मिलीभगत से प्रतिदिन 43134 रुपये की फर्जी हाजिरी लगाने का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है । सोशल मीडिया / सम्मानित समाचार पत्रों में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद भी किशुनपुर में मनरेगा फर्जीवाड़ा नही रुक है जिसका मुख्य कारण सचिव सुधीर सिंह ही है क्योंकि सचिव सुधीर सिंह बीडीओं से मिलीभगत करके फर्जी भुगतान कराने की जिम्मेदारी लेता है और फर्जी भुगतान कराने में माहिर भी है । अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत किशुनपुर में चल रहा मनरेगा फर्जीवाड़ा का मस्टर रोल जीरो हो पाता है या जिम्मेदार आधिकारियों की सहानुभूति से फर्जी भुगतान के सहारे सरकारी धन का बंदरबांट किया जायेगा उक्त प्रकरण में डी सी मनरेगा संजय शर्मा ने कहा कि जांच कराई जाएगी और मामला सही मिलने पर जारी मस्टर रोल जीरो किया जायेगा ।

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