खाद्य विभाग नगर पंचायत में खुले होटलों का एक वर्ष से नहीं किया निरीक्षण, छापेमारी कर होती खानापूर्ति

संवाददाता असोथर फतेहपुर

संविधान रक्षक असोथर रक्षाबंधन के त्यौहार में मिठाई की सर्वाधिक बिक्री होती है। जिसमें होटल संचालकों द्वारा मिलावटी खोया, मावा, बेसन, मैदा, दूध बड़ी मात्रा में खपा कर मिठाईयां तैयार की जाती है। जिसके खाने के बाद लोग बीमारी की चपेट में आने लगते हैं।

खाद्य विभाग कभी नगर पंचायत में खुले होटलों का निरीक्षण ही नहीं करते हैं। जिसकी वजह से होटल संचालकों के हौसले बुलंद हैं, कि जब यहां कोई विभागीय अधिकारियों का आना जाना ही नहीं होता है तो चाहे जैसी मिठाई बेची जाए।

बताते चलें कि रक्षाबंधन का पावन पर्व पर हिन्दुओं के घर में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है और खूब पकवान व होटलों से मिठाईयों की खरीदारी की जाती है। जिसका फायदा उठाकर होटल संचालकों द्वारा बिक्री अत्यधिक होने के वजह से ज्यादा कमाई के चक्कर में सस्ता रिफाइंड, मिलावटी खोया, मावा, मिलावटी दूध, मिलावटी तेल, मैदा, बेसन का खूब प्रयोग करके चमकदार – रंग बिरंगी मिठाईयां तैयार की जाती है। मिलावटी समानों से तैयार मिठाईयां खाने के बाद लोग बीमारी की चपेट में आने लगते हैं। लेकिन इन सब चीजों से खाद्य सुरक्षा विभाग को कोई मतलब नहीं है। इसीलिए तो एक वर्ष बीतने के बावजूद आज तक दर्जनों की संख्या में नगर पंचायत में खुले किसी भी होटल का निरीक्षण नहीं किया। कि होटलों में कैसी क्वालिटी की मिठाईयां बिक रही हैं। इससे यही साबित होता है कि सब कुछ खाद्य विभाग की मिलीभगत से हो रहा है।

सरसों के तेल में भी मिलावटखोर सक्रिय

सरसों के तेल में भी मिलावटखोरी का खेल इन दिनों बहुत जोरों से चल रहा है। ब्रांडेड कंपनी के नाम पर मिलावटी सरसों के तेल की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। जिससे अस्पतालों में दिनों दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रशासन व खाद्य विभाग मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा रहा है। जिसके कारण इन मिलावट खोरों के हौसले बुलंद हैं।

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