निरीक्षक सुशील कुमार की तहरीर पर नरहीं के थानाध्यक्ष पन्नेलाल और काेरंटाडीह के चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर सहित सात पुलिसकर्मी के अलावा 16 दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।थाना प्रभारी पन्ने लाल सहित पूरी कोरंटाडीह चौकी को निलंबित कर दिया गया है। मौके से 37500 रुपये नकद और 14 बाइक के अलावा 25 मोबाइल बरामद किए गए। इसकी जांच आजमगढ़ एसपी को सौंपी गई है।
थाना प्रभारी का आवास सील
छापेमारी को लेकर जिले भर के थानों में अफरातफरी मची रही। थाना प्रभारी के आवास को सील कर दिया गया है। थानाध्यक्ष भी फरार हो गए। हालांकि, कुछ सिपाही बता रहे थे वह साक्ष्य में गोरखपुर गए हैं।डीआईजी ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को शिकायत मिल रही थी कि भरौली में बिहार से बालू, कोयला आदि लेकर आने वाले ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली की जाती है।
बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और वह खुद पहले रेकी किए, इसके बाद योजना बनाकर छापेमारी की। प्रति ट्रकों से 500-500 रुपये की वसूली की जा रही थी। इस प्रकार प्रतिदिन एक हजार ट्रकों से वसूली की जा रही थी। छापेमारी के समय पहले दो सिपाही गिरफ्तार किए गए। इसके बाद दलालों को दबोचा गया।
इसके पश्चात जब टीम काेरंटाडीह चौकी पहुंचे वहां पर भी वसूली की जा रही थी। यहां से एक सिपाही और थाने में प्राइवेट रूप से काम करने वाला फरार हो गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस तरह की छापेमारी चलती रहेगी। किसी तरह से अवैध वसूली नहीं होने दी जाएगी।
एडीजी और डीआईजी ने पहले ट्रक से की थी रेकी
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण बुधवार को रात 9.25 बजे ही बक्सर पहुंच गए थे। यहां सादे कपड़ों में ट्रक पर सवार होकर भरौली आए। भरौली गोलंबर के पास देखा कि ट्रकों की लंबी कतार लगी हुई है।
तीन पुलिसकर्मी कुर्सी पर बैठे हैं तो एक वसूली कर रहा था। इसके पश्चात वह कोरंटाडीह चौकी के पास गए। यहां पर भी वसूली चल रही थी। कुछ दूर जाने के बाद ट्रक मोड़कर फिर बक्सर गए। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने छापेमारी की योजना बनाई।
छापेमारी की बनाई गई थी तीन टीमें
अतिरिक्त महानिदेशक ने बक्सर में अलग-अलग तीन टीमें बनाई थी। प्रथम टीम में डीआईजी, निरीक्षक सुशील कुमार, हेड कॉन्स्टेबल अनिल सिंह, राम सेवक, अभिषेक कुमार यादव और चालक गोरखनाथ, द्वितीय टीम में निरीक्षक अब्दुल वहीद, उप निरीक्षक अंबिका प्रसाद, रविकांत साहू, मनीष यादव, शरद मिश्र तथा तीसरे टीम में शिवमिलन, राजेश यादव, राव विरेंद्र यादव, रजनीकांत, विवेक रंजन शामिल थे। सभी के वाहन लखनऊ नंबर के थे।
रात एक बजे से शुरू हुआ था ऑपरेशन
डीआईजी के नेतृत्व में तीनों टीम बुधवार की रात एक बजे भरौली पहुंच गई। इसके पश्चात 1.30 बजे एडीजी पीयूष मोर्डिया के निर्देश पर ऑपरेशन शुरू किया गया। टीम ने देखा कि दलाल और पुलिसकर्मियों द्वारा धमकाकर ट्रकों से वसूली की जा रही थी।
दबिश के समय सबसे पहले आरक्षी हरदयाल को रंगे हाथ पकड़ लिया गया, जबकि मौके से पुलिसकर्मी विष्णु यादव, दीपक मिश्र और बलराम सिंह फरार हो गए। इसके बाद से बारी-बारी से दलालों को गिरफ्तार कर पास में स्थित मंदिर पर ले जाया गया। यहां पर पूछताछ की गई।
इनके खिलाफ दर्ज किया गया है मुकदमा
थानाध्यक्ष नरहीं पन्ने लाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर, आरक्षी दीपक मिश्र, आरक्षी बलराम सिंह, हेड कॉन्स्टेबल विष्णु यादव और आरक्षी सतीश गुप्ता, आरक्षी हरदयाल के अलावा दलाल रविशंकर यादव निवासी भरौली, विवेक शर्मा, जितेश चौधरी, विरेंद्र राय, सोनू सिंह, अजय कुमार पांडेय, विरेंद्र सिंह यादव, अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, धर्मेंद्र यादव, विकास राय, हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद कुमार ठाकुर, दिलीप कुमार आदि स्थानीय के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया।