क्यों नहीं जा रही जिम्मेदारों की नजर

असोथर फतेहपुर जहां एक तरफ प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अवैध मिट्टी खनन पर सख्ती से अंकुश लगा रखा है। वही दूसरी तरफ सदर तहसील अंतर्गत असोथर थाना क्षेत्र व सरकंडी चौकी क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन बड़े पैमाने पर हो रही है। दिन भर सैकड़ों ट्राली मिट्टी खनन की जाती है। वह भी कोई चोरी छुपे नही। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है, कि कही ना कही कुछ तो गड़बड़ है। आखिर क्यो..? किसके इशारे पर सैकड़ों ट्राली जेसीबी मशीन से मिट्टी खनन कर सरकार व राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। खेतों में हो रहे अवैध खनन को लेकर ग्रामीणो ने बताया की यह अवैध खनन महीनो से चल रही है। लेकिन अभी तक इन पर कोई कार्यवाही नही हुई है।
जानकारी अनुसार असोथर थाना क्षेत्र अंतर्गत गेंडुरी, बरेडा, सातों, पुर बुजुर्ग, मनावा, कौंडर, असोथर, कठौता सरकंडी चौकी के पुर बुजुर्ग, मटिहा, सरकंडी, मैकुआपुर में अवैध मिट्टी खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
बताते चले की बेखौफ खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि खनन की शिकायत कर्ताओं को जानमाल की धमकी दी जाती है। लेकिन खनन माफियाओ ने अवैध खनन का कार्य नही रोका। उल्टा शिकायत कर्ताओं को धमकाते हुए जिम्मेदारों को रिश्वत देकर अवैध खनन कराने का आरोप लगाते हुए दहशत फैलाकर अवैध खनन करा रहे है। जिससे खनन माफियाओ का आरोप सही सिद्ध होता दिखाई दे रहा है। जिधर देखो उधर जेसीबी मशीनो से अवैध मिट्टी खनन हो रहा है। बिना प्रशासन के अनुमति के अवैध खनन जारी है। यदि कोई ग्रामीण विरोध करते हैं तो माफिया उनके साथ मारपीट और जान से मारने जैसा कृत्य करने से भी नहीं चूक सकते हैं। जहां एक तरफ अवैध खनन, अवैध कालाबाजारी, गुंडे माफियाओ पर योगी सरकार ने सख्ती से अंकुश लगाया है और जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के कार्यवाही से जिले में अवैध कार्यों में लिप्त माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। वही दूसरी तरफ इन खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है। आखिर क्यों इन माफियाओ में जिलाअधिकारी, पुलिस अधीक्षक का खौफ नजर नही आ रहा है।
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नाम न छापने के शर्त पर खनन माफिया ने बताया कि स्थानीय पुलिस के प्रभारी और हल्का इंचार्ज को 15 हजार रूपये व खनन अधिकारी को अलग से महीना भेजा जाता है।
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क्या है राज
मुख्यमंत्री जी जिलाधिकारी व एसपी महोदय एक नजर इधर भी यह कोई चोरी छुपे नही दिनदहाड़े असोथर पुलिस के सामने व असोथर नगर सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में गांव – गलियों से होते हुए दिन-रात मिट्टी लदी ट्रैक्टर ट्राली पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में निकलती है। फिर भी किसी जिम्मेदार की नजर नही पड़ती है। आखिर क्यो इसे मिलीभगत कहे या मेहरबानी। कही यह चंद भ्रष्टाचारियों द्वारा सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नही।

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